मनरेगा में ज्यादा से ज्यादा लोगों को दें काम : आयुक्त

मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने मनरेगा की योजनाओं में ज्यादा से ज्यादा मजदूरों को काम पर लगाने को कहा है.

By Prabhat Khabar Print Desk | June 11, 2020 2:16 AM

रांची : मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने मनरेगा की योजनाओं में ज्यादा से ज्यादा मजदूरों को काम पर लगाने को कहा है. उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए मजदूरों को फेस मास्क लगा कर काम करने दें. साथ ही हाथों की सफाई सहित अन्य दिशा-निर्देशों का अनुपालन हो.

श्री त्रिपाठी ने सारे उपायुक्तों व उप विकास आयुक्तों को पत्र लिख कर कहा है कि एक कार्यस्थल पर कुछ जिलों द्वारा पांच-पांच मजदूरों से अधिक को नियोजित नहीं किया जा रहा है, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूर्व में ही इस संबंध में मार्गदर्शन उपलब्ध कराया गया है.

उन्होंने नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना, ट्रेंच कम बंड, ट्रेंच फील्ड, नाला पुनर्जीवन आदि योजनाओं तथा बिरसा हरित ग्राम योजना को बड़े पैमाने पर क्रियान्वित करने को भी कहा है. उन्होंने बताया है कि इन योजनाओं में ज्यादा से ज्यादा मजदूरों को नियोजित करना सोशल डिस्टैंसिंग के साथ काफी आसान है.

मनरेगा आयुक्त ने कार्यस्थल पर प्रोटोकॉल का भी अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है. उन्होंने स्पष्ट किया है कि कार्यस्थल पर पान, बीड़ी, सिगरेट, गुटखा व तंबाकू पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा. कार्यस्थल पर इधर-उधर थूकना वर्जित रहेगा. कार्यस्थल पर सभी पदाधिकारी व कर्मी अपने मोबाइल में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करेंगे तथा लोकेशन व ब्लूटूथ को ऑन रखेंगे. उन्होंने कहा कि प्रति पंचायत औसत 250 से 300 मानव दिवस सृजित कर के मनरेगा के निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करें.

मनरेगा में जेसीबी के उपयोग पर कार्रवाई : जिले के लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मिले, इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा मनरेगा कार्यों में जेसीबी मशीन का प्रयोग वर्जित किया गया है. इसके बावजूद रांची जिला की कई पंचायतों में मजदूर की बजाय जेसीबी मशीन से गड्ढे की खुदाई की जा रही है. इसकी जानकारी डीडीसी अनन्य मित्तल को मिली.

उन्होंने आम सूचना जारी कर कहा कि पूर्व में ही सभी बीडीओ, पंचायतस्तरीय कार्यकारी एजेंसियों को निर्देशित किया जा चुका है कि मनरेगा योजना में जेसीबी मशीन का प्रयोग वर्जित है.

इसके बाद भी जेसीबी का प्रयोग करने की सूचना मिल रही है. यह मनरेगा अधिनियम का उल्लंघन है. किसी भी परिस्थिति में मनरेगा योजना के कार्य में जेसीबी का प्रयोग न करें. अगर कोई ऐसा करते हुए पाया जाता है, तो जेसीबी मालिक व कार्यकारी एजेंसी के पर कार्रवाई की जायेगी.

Posted by : Pritish Sahay

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