झारखंड में 3 महीने में वज्रपात, डूबने और सर्पदंश से 431 लोगों की मौत
Deaths in Jharkhand: झारखंड में महज 3 महीने में प्राकृतिक आपदा और सर्पदंश से 431 लोगों की मौत हो गयी है. आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया है कि 3 महीने में 80 लोगों की मौत सांप काटने से हुई है. 9 लोग भारी वर्षा की वजह से काल के गाल में समा गये. 180 लोगों की मौत सिर्फ वज्रपात की वजह से हुई है.
Deaths in Jharkhand: झारखंड में पिछले 3 महीने में बिजली गिरने और डूबने समेत विभिन्न आपदाओं में 431 लोगों की जान चली गयी. एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार 7 अगस्त को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इनमें से 180 लोगों की मौत बिजली गिरने से हुई है, जबकि 161 लोगों की मौत डूबने से हुई.
सर्पदंश से 80 लोगों की हुई मौत
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि झारखंड में एक मई से 31 जुलाई के बीच विभिन्न आपदाओं में कुल 431 लोगों की मौत हुई है. शर्मा ने बताया कि 80 लोगों की मौत सर्पदंश से, 9 लोगों की भारी बारिश से तथा एक व्यक्ति की बाढ़ से मृत्यु हो गयी.
17 जून से झारखंड में हो रही भारी बारिश, फसलों को नुकसान
झारखंड में 17 जून से भारी बारिश हो रही है, जिससे जान-माल और फसलों को नुकसान पहुंचा है. झारखंड में लगातार मानसून सक्रिय है और लगभग हर दिन कहीं न कहीं बारिश हो रही है. इस बार मानसून की बारिश सामान्य से अधिक हुई है.
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झारखंड में हो चुकी है 830 मिमी मानसून की बारिश
आमतौर पर मानसून के सीजन में झारखंड में इस समय तक 581.9 मिलीमीटर वर्षा होनी चाहिए. इसकी जगह प्रदेश में इस बार 830 मिलीमीटर वर्षा हो चुकी है. सामान्य से 43 फीसदी अधिक वर्षा और इसके साथ हुए वज्रपात की वजह से इतनी मौतें हुईं हैं.
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