Political news : माकपा ने श्रम संहिता को रद्द करने की मांग की

सरलीकरण के बजाय, नयी संहिताएं लंबे समय से स्थापित अधिकारों और हकों को कमजोर और समाप्त करने और संतुलन को नियोक्ताओं के पक्ष में तेज़ी से स्थानांतरित करने का प्रयास करती हैं.

By RAJIV KUMAR | November 22, 2025 9:01 PM

रांची.

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने केंद्र सरकार से श्रम संहिता रद्द करने की मांग की. माकपा राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने कहा कि श्रम संहिताएं उन 29 श्रम कानूनों को खत्म कर देती हैं, जो अब तक कुछ हद तक श्रमिकों की रक्षा करते रहे हैं. कई सीमाओं के बावजूद वेतन, काम के घंटे, सामाजिक सुरक्षा, औद्योगिक सुरक्षा, निरीक्षण-अनुपालन तंत्र और सामूहिक सौदेबाजी जैसी व्यवस्थाएं कुछ हद तक लागू थीं. सरलीकरण के बजाय, नयी संहिताएं लंबे समय से स्थापित अधिकारों और हकों को कमजोर और समाप्त करने और संतुलन को नियोक्ताओं के पक्ष में तेज़ी से स्थानांतरित करने का प्रयास करती हैं.

लेबर कोड श्रमिकों को गुलाम बनाने का कानून : भाकपा माले

रांची.

भाकपा माले ने लेबर कोड के खिलाफ प्रतिवाद दर्ज किया है और इसे मजदूरों को कॉरपोरेट गुलाम बनाने की संहिता कहा है. भाकपा-माले का कहना है कि चारों लेबर कोड मजदूर वर्ग पर कॉरपोरेट मालिकों की मनमानी थोपने की साजिश है. इसका उद्देश्य मजदूरों द्वारा वीरतापूर्ण संघर्षों, आंदोलन और कुर्बानियों से हासिल किये गये ऐतिहासिक अधिकारों को छीनना है. पार्टी राज्य सचिव मनोज भक्त ने कहा कि भाकपा माले ने इसके खिलाफ 22 से 28 नवंबर तक प्रतिवाद सप्ताह की घोषणा की है. भाकपा माले को विश्वास है कि भारत का मजदूर वर्ग मोदी सरकार को किसान आंदोलन की तरह श्रम कोड वापस लेने पर बाध्य करेगा.

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