झारखंड में रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्‍लत, हैंड सैनिटाइजर समेत कई जरूरी दवाओं की काला बजारी शुरू

ऐसे ही एक मामला सामने आया रांजधानी रांची के सबसे बड़ा अस्पताल माने जाने वाला रिम्स से. जहां पर गंभीर संक्रमण के शिकार लोगों को शुक्रवार को रेमडेसिविर नहीं मिल रहा था. दरअसल मामला ये है कि चार दिन पहले हरमू हाउसिंग कॉलोनी की रहनेवाली 38 वर्षीय वंदना श्रीवास्तव गंभीर हालात में रिम्स ट्रामा सेंटर में दाखिल करायी गयीं.

By Prabhat Khabar | April 17, 2021 10:11 AM

Jharkhand Coronavirus update, Remdesivir In Ranchi Jharkhand रांची : कोरोना की दूसरी लहर में सबसे कारगर माने जाने वाली रेमडेसिविर इंजेक्शन शूरू हो गयी है, हलांकि झारखंड अकेला ही ऐसा राज्य नहीं है जहां पर इसकी कमी है. कई ऐसे राज्य हैं मरीज रेमडेसिविर के लिए दर दर भटक रहे हैं लेकिन उसे रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है.

ऐसे ही एक मामला सामने आया रांजधानी रांची के सबसे बड़ा अस्पताल माने जाने वाला रिम्स से. जहां पर गंभीर संक्रमण के शिकार लोगों को शुक्रवार को रेमडेसिविर नहीं मिल रहा था. दरअसल मामला ये है कि चार दिन पहले हरमू हाउसिंग कॉलोनी की रहनेवाली 38 वर्षीय वंदना श्रीवास्तव गंभीर हालात में रिम्स ट्रामा सेंटर में दाखिल करायी गयीं.

डॉक्टरों ने उनकी नाजुक हालत को देख जीवनरक्षक रेमडेसिविर के छह डोज का प्रिस्क्रिप्शन लिखा. गुरुवार तक तो सब कुछ ठीक था, जब उन्हें इंजेक्शन का दो डोज दिया गया. लेकिन, शुक्रवार देर शाम उन्हें बताया गया कि इंजेक्शन की किल्लत हो गयी है, इसलिए उनका आगे का इलाज जारी नहीं रखा जा सकता. देर रात परिजनों ने प्रभात खबर को अपनी व्यथा सुनायी और जिंदगी बचाने की गुहार लगायी. गौरतलब है कि ये दवाएं कोरोना के मरीजों के इलाज में बेहद मददगार हैं. रेमडेसिविर इंजेक्शन के जरिये ली जानेवाली दवा है, जो कोविड-19 मरीजों की जिंदगी बचाने में बेहद प्रभावी है.

आपको बता दें कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के कारण लो सतर्क हो गये हैं, और लोगों ने फिर से हैंड सैनिटाइजर और मास्क का उपयोग शुरू कर दिया है. पिछले दस दिनों में राजधानी में इनकी मांग इतनी बढ़ गयी है कि मेडिकल स्टोर में इनकी कमी हो गयी है. सर्जिकल आयटम में पल्स ऑक्सिमीटर, स्टीम वेपोराजर और थर्मामीटर का संकट थोक बाजार में दिखने लगा है. जरूरी दवाओं की भी कमी दिखने लगी है.

कुछ लोग इस संकट की घड़ी में भी इसका फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं और इसकी कालाबाजारी शुरू हो गयी है. अफरा-तफरी में लोग इनका स्टॉक भी बनाने लगे हैं. इससे इनकी कीमतें बढ़ रही हैं. आवश्यक खाद्य वस्तुओं की जमाखोरी और सशंकित होकर की जा रही खरीदारी से इनकी भी कीमतें बढ़ने लगी हैं

Posted By : Sameer Oraon

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