Ranchi News : एआइ का सही इस्तेमाल ही तय करेगा भविष्य : शिल्पी नेहा तिर्की
आज हर कोई किसी न किसी रूप में तकनीक से जुड़ा हुआ है. इसे नकारा नहीं जा सकता. ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी इसमें पीछे नहीं हैं.
प्रभात खबर का एआइ और एमएल विषय पर होटल रेडिसन ब्लू में कार्यशाला
एआइ के बढ़ते प्रभाव, दुरुपयोग और करियर संभावनाओं पर 31 स्कूलों के विद्यार्थियों को मिली महत्वपूर्ण सीख
मंत्री, तकनीकी विशेषज्ञ और मीडिया प्रतिनिधियों ने रखे एआइ के बदलते प्रभाव पर विचार
लाइफ रिपोर्टर @ रांचीआज हर कोई किसी न किसी रूप में तकनीक से जुड़ा हुआ है. इसे नकारा नहीं जा सकता. ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी इसमें पीछे नहीं हैं. कई ग्रामीण अपनी जमीन बेचकर मोबाइल फोन खरीद रहे हैं और उसका उपयोग कर रहे हैं. मशीनें अब लोगों के विचार और भावनाओं को व्यक्त कर रही हैं. ऐसे में आवश्यक है कि हम किसी अन्य के प्रोपेगेंडा का शिकार न हों. विद्यार्थियों को ऐसी तकनीक विकसित करनी चाहिए जो आम लोगों के उपयोग की हो. उक्त बातें कृषि एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने मंगलवार को प्रभात खबर की ओर से होटल रेडिसन ब्लू में आयोजित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) और मशीन लर्निंग (एमएल) विषयक कार्यशाला में कही. उन्होंने कहा कि जेनजी आज बहुत प्रभावी हो रहे हैं. नेपाल में जेनजी के सड़क पर उतरने के बाद वहां सरकार तक बदलनी पड़ी. नेपाल में पिछले दिनों हुए जेनजी आंदोलन पर भी उन्होंने विद्यार्थियों की राय जाननी चाही. मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया लोगों को दिग्भ्रमित भी कर रहा है और कई लोग इस पर अपना एजेंडा भी चलाते हैं. यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप तकनीक को सकारात्मक रूप से अपनाते हैं या नकारात्मक रूप से. उन्होंने कहा कि समय के साथ बहुत तेज बदलाव हो रहा है. कोई भी नयी तकनीक आए तो उसे बिना समझे अपनाने से नुकसान हो सकता है. उपयोगकर्ताओं को चाहिए कि पहले उस तकनीक को समझें, अध्ययन करें और फिर उसे अपनायें. उन्होंने कहा कि एआइ का उपयोग गवर्नेंस में व्यापक रूप से किया जा सकता है. यदि आप कोई नयी तकनीक विकसित करते हैं और वह ग्रामीण जनता के काम की नहीं है, तो वह तकनीक चल नहीं पायेगी. आज किसान तकनीक का उपयोग कर मौसम की जानकारी ले रहे हैं और फसल को बचाने के लिए जरूरी सलाह भी प्राप्त कर रहे हैं.
10वीं-12वीं के विद्यार्थियों के साथ शिक्षक हुए शामिल
कार्यक्रम में 10वीं और 12वीं के 31 स्कूलों के विद्यार्थी और शिक्षक शामिल हुए. कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों को एआइ और एमएल की बुनियादी जानकारी, इनके उपयोग, करियर और भविष्य की संभावनाओं से अवगत कराना था. कार्यशाला में गूगल डेवलपर ग्रुप के मेंटर देशबंद्धु मिश्रा, आइबीएम के डाटा साइंटिस्ट गौरव सिंह, एमिटी यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर शुभम सुमन और एएसटी कंसल्टिंग के मैनेजिंग पार्टनर अशोक गौतम ने छात्रों को संबोधित किया. इस अवसर पर विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किये गये.
कार्यक्रम में इनकी रही मौजूदगी
कार्यक्रम में एमिटी यूनिवर्सिटी के डीन ऑफ मैनेजमेंट डॉ अभिषेक त्रिपाठी, डिप्टी डायरेक्टर सुमित सिंह, उषा मार्टिन यूनिवर्सिटी के प्रो वीसी डॉ मिलिंद और रजिस्ट्रार डॉ शिव प्रताप वर्मा, सरला बिरला यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो सी जगनाथन और डायरेक्टर जनरल प्रो गोपाल पाठक, साईंनाथ यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो डॉ एसपी अग्रवाल के अलावा प्रभात खबर के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आरके दत्ता, प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी, प्रबंध संपादक अंकित शुक्ला और वाइस प्रेसिडेंट विजय बहादुर उपस्थित थे. सेमिनार के मुख्य प्रायोजक एमिटी यूनिवर्सिटी झारखंड, सह प्रायोजक उषा मार्टिन यूनिवर्सिटी, और पावर्ड बाय सरला बिरला यूनिवर्सिटी और नॉलेज पार्टनर साईंनाथ यूनिवर्सिटी थे.
————————————————एआइ और एमएल ने हमारे जीवन में बड़ा बदलाव लाया : आरके दत्ता
एआइ केवल कार्टून बनाने के लिए नहीं है. यह एक व्यापक विषय है. यह हमारे दैनिक जीवन में शामिल है और हम इसका उपयोग अनजाने में प्रतिदिन कर रहे हैं. एआइ और एमएल ने हमारे जीवन में बड़ा बदलाव लाया है. एआइ आपकी पसंद के अनुसार चीजें दिखाता है और जानकारी उपलब्ध कराता है. अब यह आप पर निर्भर है कि आप क्या देखना चाहते हैं. उक्त बातें प्रभात खबर के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आरके दत्ता ने कार्यशाला में कही. उन्होंने कहा कि एआइ का दुरुपयोग भी हो रहा है, जिससे सावधान रहने की जरूरत है. आज एआइ का उपयोग ग्राफिक्स, वीडियो, चैटबॉट, मेडिकल साइंस, खेल समेत कई क्षेत्रों में हो रहा है. उन्होंने कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है. 20 वर्ष पहले हम ऑनलाइन सामान नहीं मंगा सकते थे. 35 वर्ष पहले सीटी स्कैन मशीन भी नहीं थी. आने वाले 20 वर्षों में क्या होगा, इसका अनुमान कोई नहीं लगा सकता. इसलिए हमेशा खुद को अपडेट रखें और सकारात्मक चीजों को अपनाएं. एआइ एक ऐसा तंत्र है जो डेटा एकत्रित कर उसे उपयोगी रूप में प्रस्तुत करता है. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के लिए करियर के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं. एआइ का उपयोग जानकारी और ज्ञान बढ़ाने के लिए करें. जीवन में चुनौतियां आती रहेंगी, लेकिन दृढ़ता से उनका सामना करें, सफलता अवश्य मिलेगी.——————————————
एआइ का उपयोग नैतिकता के साथ करें : आशुतोष चतुर्वेदीएआइ भविष्य के साथ-साथ वर्तमान का भी विषय है. इसका उपयोग नैतिकता के साथ होना चाहिए. यह बातें प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी ने कार्यशाला में कही. उन्होंने कहा कि तकनीक ने जेनरेशन गैप को कम कर दिया है. जहां पहले 20 वर्षों में एक पीढ़ी बदलती थी, अब यह अंतर पांच वर्ष में सिमट गया है. उन्होंने बताया कि मीडिया में भी एआइ का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है. पाकिस्तान के अखबार डॉन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वहां एक खबर में एआइ का प्रॉम्प्ट भी छप गया था. अब वर्चुअल न्यूज चैनल भी अस्तित्व में हैं. एआइ मनुष्य की सोच को समझकर उसी के अनुरूप उत्तर देता है. यह सदी एआइ की सदी है. आने वाले 10 वर्षों में बड़े बदलाव होंगे. अच्छे भी और गलत भी. इसलिए तकनीक में से सकारात्मक चीजें चुनकर आगे बढ़ना है. उन्होंने कहा कि एआइ और इंटरनेट अत्यंत उपयोगी हैं और इनका उपयोग हेल्थ इंडस्ट्री, शिक्षा, कृषि और भाषा के क्षेत्र में व्यापक रूप से किया जा सकता है. तकनीक की संभावनाओं की कोई सीमा नहीं है, यह इंसान का साथी है.
———————————————-विद्यार्थी एआइ और मशीन लर्निंग की ठोस जानकारी प्राप्त करें : विजय बहादुर
प्रभात खबर बच्चों के सर्वांगीण विकास और प्रोत्साहन के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करता है. इसी क्रम में पहली बार एआइ और मशीन लर्निंग पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. उक्त बातें प्रभात खबर के वाइस प्रेसिडेंट विजय बहादुर ने कही. उन्होंने कहा कि आज एआइ और एमएल के उपयोग पर सबसे अधिक चर्चा हो रही है और हर व्यक्ति किसी न किसी रूप में इसका उपयोग कर रहा है. यदि विद्यार्थी इन क्षेत्रों में करियर बनाना चाहते हैं तो उन्हें इनकी ठोस जानकारी प्राप्त करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि एआइ और एमएल के क्षेत्र में भारतीय अभी बहुत पीछे हैं. चीन विश्व में सबसे अधिक 70 प्रतिशत पेटेंट करा रहा है, जबकि अमेरिका का प्रतिशत 20-25 है. भारतीयों का प्रतिशत मात्र 0.33 से एक प्रतिशत तक है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में डिजिटल इंडिया पूरे विश्व का प्रतिनिधित्व करेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
