Ranchi News : जीवन में नयी ऊर्जा के लिए ईश्वर के पास लौटें : आर्चबिशप
सिस्टर्स ऑफ जीसस धर्मसंघ के लिए बुधवार को ऐतिहासिक दिन रहा. इस धर्मसंघ को सिरो मालाबार धर्मविधि से लैटिन धर्मविधि में लाया गया.
रांची. सिस्टर्स ऑफ जीसस धर्मसंघ के लिए बुधवार को ऐतिहासिक दिन रहा. इस धर्मसंघ को सिरो मालाबार धर्मविधि से लैटिन धर्मविधि में लाया गया. धर्मविधि में बदलाव की यह प्रक्रिया आर्चबिशप विसेंट आईंद द्वारा की गयी. गौरतलब है कि रोमन कैथोलिक कलीसिया (चर्च) में तीन प्रकार की धर्मविधि होते हैं. इनमें लैटिन धर्मविधि, सिरो मालाबार धर्मविधि और सिरो मालंकरा धर्मविधि शामिल है. सिस्टर्स ऑफ जीसस धर्मसंघ में पहले सिरो मालाबार धर्मविधि का पालन किया था. इस अवसर पर आर्चबिशप ने मिस्सा बलिदान संपन्न कराया. मिस्सा के दौरान आर्चबिशप ने अपने उपदेश में कहा कि आधुनिक समय में हम सभी भाग दौड़ में फंसे हुए हैं. हमें अपने जीवन में नयी ऊर्जा के लिए चाहिए कि हम जीवन के स्रोत ईश्वर के पास लौट आयें. तभी हम आध्यात्मिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं. उपदेश के दौरान आर्चबिशप ने बाइबिल के सुसमाचार में वर्णित समारी नामक व्यक्ति का उदाहरण दिया. समारी कोढ़ी था और ईश्वर की संगति में आने से वह ठीक हो जाता है. हमें भी ईश्वर के पास वापस लौटना है. इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुआ. धर्मसंघ में प्रशिक्षण प्राप्त करनेवाली धर्मबहनों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए. इस अवसर पर फादर दीपक कुजूर, फादर सुधीर, फादर असीम मिंज, सिस्टर्स ऑफ जीसस धर्मसंघ की विकार जेनरल सिस्टर निर्मला फ्रांसिस, सिस्टर जेनी एसजे, सहित अन्य उपस्थित थे.
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