Crime News : बिहार के आइजी का पुत्र बताकर लोअर बाजार पुलिस को ठगने की कोशिश, गिरफ्तार

लोअर बाजार थाना की पुलिस ने रविवार को एक व्यक्ति आनंद कुमार को जेल भेज दिया. उस पर पुलिस अधिकारियों के नाम पर धोखाधड़ी करने और सरकारी सुविधा का गलत फायदा उठाने का आरोप है.

By DUSHYANT KUMAR TIWARI | October 13, 2025 12:40 AM

रांची. लोअर बाजार थाना की पुलिस ने रविवार को एक व्यक्ति आनंद कुमार को जेल भेज दिया. उस पर पुलिस अधिकारियों के नाम पर धोखाधड़ी करने और सरकारी सुविधा का गलत फायदा उठाने का आरोप है. इस मामले में रविवार को खादगढ़ा टीओपी प्रभारी सब इंस्पेक्टर दिवाकर की शिकायत पर लोअर बाजार थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी है.

पहले बिहार का आइजी (एडमिन) किया फोन, बोला-बेटे के लिए बस में सीट बुक करा दो

दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में सब इंस्पेक्टर दिवाकर ने बताया कि शनिवार को उन्हें एक मोबाइल नंबर से फोन आया था. फोन करनेवाले ने खुद को बिहार में आइजी (एडमिन) के पद पर पदस्थापित बताया. उसने कहा- मेरे बेटे को रांची से पटना जाना है, इसलिए बस में सीट बुक करा दो. बेटे के पटना पहुंचने पर किराया दे दूंगा. बात करते समय उसने कई बड़े पुलिस अफसरों का नाम लेकर सरकारी सुविधाएं पाने की कोशिश की. जब सब इंस्पेक्टर को शक हुआ, तो उन्होंने कहा कि सीट बुक हो गयी है, लेकिन बस पकड़ने के लिए आपके बेटे को खादगढ़ा बस स्टैंड आना होगा.

रात में खुद आइजी का बेटा बन बस स्टैंड पहुंचा, नशे की हालत में पुलिस से किया दुर्व्यवहार

रात करीब 8:30 बजे फोन करनेवाले ने अपने बेटे का मोबाइल नंबर भेजा और उसे सुरक्षा देने का आदेश दिया. फिर रात 8:45 बजे रांची नगर निगम की गाड़ी से एक युवक बस स्टैंड पहुंचा. उसने अपना परिचय बिहार के आइजी (एडमिन) के बेटे के रूप में दिया. टीओपी प्रभारी के अनुसार, वह युवक नशे में था और वहां हंगामा करने लगा. उसने पुलिस से बदतमीजी भी की. जांच में पता चला कि जिस नंबर से पहले फोन किया गया था, वह मोबाइल भी उसी युवक आनंद कुमार के पास से मिला. पुलिस ने उसे पकड़ा और जांच में पाया कि उसने शराब पी रखी थी.

पहले भी कर चुका है इस तरह का फर्जीवाड़ा

पूछताछ में यह भी सामने आया कि आनंद पहले भी राज्य के कई इलाकों में अपना गलत परिचय देकर गलत कामों के लिए दबाव डाल चुका है. उसने कोई पहचान पत्र भी नहीं दिखाया. रांची नगर निगम की गाड़ी के चालक कमलेश ने पुलिस को बताया कि आनंद ने खुद को आइजी (एडमिन) बताकर सरकारी गाड़ी की सुविधा ले ली थी.

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