Ranchi news : डीएसपी व एसआई पर फायरिंग मामले में गैंगस्टर मयंक सिंह पर चार्जशीट दायर

: एटीएस की जांच में खुलासा : मयंक सिंह के कहने पर ही डीएसपी और सब इंस्पेक्टर को मारी गयी थी गोली

By DEEPESH KUMAR | December 5, 2025 8:17 PM

: एटीएस की जांच में खुलासा : मयंक सिंह के कहने पर ही डीएसपी और सब इंस्पेक्टर को मारी गयी थी गोली रांची. अजरबैजान से गिरफ्तार गैंगस्टर सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह के खिलाफ एटीएस ने अनुसंधान पूरा कर यूएपी, आर्म्स एक्ट और जानलेवा हमला के आरोप में न्यायालय में चार्जशीट दायर की है. यह चार्जशीट रामगढ़ जिला में एटीएस के तत्कालीन डीएसपी नीरज कुमार और रामगढ़ जिला के बल के तत्कालीन सब इंस्पेक्टर सोनू कुमार को गोली मारने से जुड़े केस में दायर की गयी है. एटीएस ने आरोपी मयंक सिंह के खिलाफ मुकदमा चलाने की विधि विभाग से अनुमति भी प्राप्त कर ली है. न्यायालय में समर्पित चार्जशीट में एटीएस ने बताया कि घटना के दौरान मयंक सिंह मलयेशिया में था. इस बात का खुलासा तकनीकी विश्लेषण से हुआ है. मयंक सिंह ने पूछताछ में भी घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है. इसके अलावा आरोपी ने यह भी बताया था कि अमन साहू (अब मृत) और मयंक सिंह के निर्देश पर गिरोह का वर्चस्व बढ़ाने के लिए बैठक बुलायी गयी थी. बैठक से पहले तय हुआ था कि अगर विरोध में पुलिस पहुंचती है, तब पुलिस के खिलाफ भी जवाबी कार्रवाई करनी है. तकनीकी विश्लेषण से भी यह स्पष्ट हुआ कि डीएसपी और सब इंस्पेक्टर को गोली मयंक सिंह के निर्देश पर ही मारी गयी थी. घटना के बाद मयंक सिंह ने ही गोली मारने से संबंधित न्यूज कटिंग अपने सोशल मीडिया एकाउंट में पोस्ट किया था. अनुसंधान में 12 लोगों पर लगे आरोप सही पाये गये थे न्यायालय में समर्पित एसटीएस की रिपोर्ट के अनुसार, केस के अनुसंधान के दौरान 12 आरोपियों पर घटना में शामिल होने और घटना को अंजाम देने का आरोप सही पाया गया था. इन लोगों में अमन साहू, अमन साहू का भाई आकाश, हरि तिवारी, योगेश्वर महतो, वारिस अंसारी, चंदन साव, राजा अंसारी, दिगंबर प्रजापति, बॉबी साव, राजन साव, रवि मुंडा और सुनील कुमार मीणा उर्फ मयंक सिंह का नाम शामिल है. इस केस में एटीएस पूर्व में अमन साहू, हरि तिवारी, योगेश्वर महतो, दिगंबर प्रजापति, बॉबी साव, राजन साव, रवि मुंडा और वारिस अंसारी के खिलाफ चार्जशीट दायर कर चुकी है. लेकिन केस में मयंक सिंह फरार चल रहा था. अजरबैजान से उसे इंटरपोल के सहयोग से एटीएस ने हिरासत में लिया था. जरूरी प्रक्रिया पूरी करने के बाद एटीएस उसे लेकर प्रत्यार्पण संधि के तहत मुंबई एयरपोर्ट लेकर पहुंची थी, जहां उसे विधिवत गिरफ्तार कर रांची लाया गया और न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था.

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