Ranchi News : मिट्टी के पार भी कायम है रिश्ता
कैथोलिक चर्च के विश्वासियों ने रविवार को मृत विश्वासियों का स्मरण दिवस मनाया. इस अवसर पर कांटाटोली स्थित आरसी मिशन कब्रिस्तान में दिवंगत आत्माओं के लिए विशेष प्रार्थना की गयी.
मिट्टी के पार भी कायम है रिश्ता
मृत्यु जीवन का अंत नहीं बल्कि अनंत जीवन में प्रवेश का द्वार : आर्चबिशप विंसेंट आईंद
:::: कैथोलिक विश्वासियों ने मनाया मृत विश्वासियों का स्मरण दिवस
:::: कांटाटोली स्थित आरसी मिशन कब्रिस्तान में हुई विशेष आराधना
:::: आरसी मिशन कब्रिस्तान में हजारों की मौजूदगी में मृत आत्माओं के लिए प्रार्थना
रांची.कैथोलिक चर्च के विश्वासियों ने रविवार को मृत विश्वासियों का स्मरण दिवस मनाया. इस अवसर पर कांटाटोली स्थित आरसी मिशन कब्रिस्तान में दिवंगत आत्माओं के लिए विशेष प्रार्थना की गयी. कब्रिस्तान की साफ-सफाई करायी गयी थी. साथ ही कब्रों का रंग-रोगन भी किया गया था. आज कब्रिस्तान में होनेवाली समारोही ख्रीस्तयाग (विशेष आराधना) के अवसर पर आर्चबिशप विसेंट आईंद ने आज के दिन के महत्व के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि हमारी कलीसिया (चर्च) दो भागों में बंटी है. एक भाग में हम और आप जैसे बपतिस्मा पाये लोग हैं, जो अभी जीवित हैं. दूसरे भाग में वह लोग हैं जो अब हमारे बीच नहीं हैं और जो अभी भी शोधक अग्नि में है और संतों की मंडली में शामिल होने की प्रतीक्षा में हैं. उन्हें हमारी प्रार्थनाओं की जरूरत है.
जुड़वा बच्चों की कहानी से समझाया जीवन का मर्म
आर्चबिशप ने गर्भ में पल रहे दो जुड़वा बच्चों के वार्तालाप की कहानी के माध्यम से समझाया कि जीवन कैसा होता है और मृत्यु के बाद के जीवन का मसीही आधार क्या है. उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु स्वयं पुनरुत्थान और जीवन हैं. यदि हम उन पर विश्वास करते हुए जीवन निर्वाह करते हैं तो हम मृत्यु के पश्चात नव जीवन में प्रवेश करेंगे. उन्होंने कहा हमारा यहां इकठ्ठा होना इसी विश्वास को प्रदर्शित करता है कि मृत्यु के पश्चात भी हमारे प्रियजनों से हमारा संबंध टूटा नहीं है. हमारा विश्वास है कि मृत्यु, अनंत जीवन में प्रवेश का द्वार है.कब्रों को फूलों से सजाया गया, कैंडल जलाया
इस अवसर पर कब्रों को फूलों से सजाया गया और उन पर कैंडल जलाकर प्रार्थना की गयी. विश्वासियों ने अपने-अपने दिवंगत परिजनों के पापों के लिए ईश्वर से क्षमा मांगी.मृत्यु से नहीं टूटता प्रेम का बंधन
कैथौलिक चर्च के विश्वास के अनुसार मृत्यु के साथ किसी व्यक्ति का अंत नहीं हो जाता है. बल्कि मृत्यु अनंत जीवन में प्रवेश का द्वार है. इस मान्यता के तहत मृत्यु के पश्चात भी आत्मा का नाश नहीं होता बल्कि वे नव जीवन में प्रवेश करते हैं और ईश्वर के साथ हमेशा के लिए जीते हैं. प्रत्येक दो नवंबर को सभी मृतकों का स्मरण किया जाता है और वैसी आत्माओं के लिए विशेष प्रार्थना की जाती है. जिन्हें पूर्ण पवित्रता प्राप्त नहीं हुई है और जो शोधक अग्नि में अपने उद्धार की प्रतीक्षा में है. आज आराधना के दौरान परम प्रसाद के बाद आर्चबिशप ने जल की आशीष की. उसी पवित्र जल से कब्रों पर छिड़काव कर कब्रों की आशीष की. आराधना के अंत में कब्रिस्तान की साफ-सफाई का काम करनेवाले सभी सदस्यों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया.ये थे उपस्थित
आज आराधना के दौरान संत मरिया महागिरजाघर के पल्ली पुरोहित फादर आनंद डेविड खलखो, लालपुर चर्च के पल्ली पुरोहित फादर अनिम प्रकाश इंदवार, फादर रोशन टोप्पो, फादर जॉर्ज मिंज, फादर नीलम तीडू, फादर प्रफुल्ल टोप्पो अन्य पुरोहितगण, धर्मबहने, धर्मबंधु व हजारों की संख्या में विश्वासी शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
