National Convention News : आदिवासी अधिकारों के लिए आंदोलन तेज करने का आह्वान

कॉरपोरेट नीतियों का विरोध और आदिवासी अधिकारों के लिए आंदोलन तेज करने के आह्वान के साथ आदिवासी संघर्ष मोर्चा का दो दिवसीय राष्ट्रीय कन्वेंशन समाप्त हो गया. इस दौरान 15 सूत्री संकल्प पत्र को मंच से जारी किया गया.

By DUSHYANT KUMAR TIWARI | June 10, 2025 12:59 AM

रांची. गलत कॉरपोरेट नीतियों का विरोध और आदिवासी अधिकारों के लिए आंदोलन तेज करने के आह्वान के साथ आदिवासी संघर्ष मोर्चा का दो दिवसीय राष्ट्रीय कन्वेंशन समाप्त हो गया. कन्वेंशन के आखिरी दिन जल-जंगल-जमीन के मुद्दे पर निर्णायक लड़ाई, संविधान की रक्षा, पेसा, सीएनटी-एसपीटी कानूनों के पूर्ण क्रियान्वयन और आदिवासी अधिकारों की रक्षा पर 15 सूत्री संकल्प पत्र को मंच से जारी किया गया. इस अवसर पर बिरसा मुंडा की शहादत दिवस पर देशभर से आये 17 राज्यों के सामाजिक कार्यकर्ताओं और एक्टिविस्टों ने भी उनकी शहादत को नमन किया. वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि यह सम्मेलन भारत में आदिवासी अधिकारों की रक्षा और संविधानिक मूल्यों की पुनर्स्थापना एकजुट संघर्ष की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हुआ है.

मोदी की आर्थिक नीतियां गरीब और आदिवासी विरोधी : दीपंकर

भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कन्वेंशन के दौरान मोदी सरकार की आर्थिक-सामाजिक नीतियों पर जमकर प्रहार किया. उन्होंने केंद्र सरकार पर कॉरपोरेट कल्चर थोपने और बदले में सरकारी दमन का जिक्र करते साझा आंदोलन खड़ा करने का खुले मंच से आह्वान किया. उन्होंने मोदी शासनकाल की आलोचना की और कहा कि जमीन अधिग्रहण और इसके बीच सीएनटी-एसपीटी एक्ट पर हमले ने आदिवासियों की 60% जमीन हड़प ली गई है. उन्होंने जनगणना, झारखंड में धर्मांतरण के नाम पर फैलाए जा रहे भ्रम जैसे अहम मुद्दों को भी मंच से उठाया. कार्यक्रम का संचालन पांच सदस्यीय अध्यक्ष मंडल द्वारा किया गया. कन्वेंशन को सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला, आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता जेम्स हेरेंज, सामाजिक कार्यकर्ता सिराज दत्ता, असम से शामिल आदिवासी नेत्री प्रतिमा इंगपी, क्लफ्टिन, त्रिपति गमांगो, विनोद सिंह, राधाकांत सेठी, मनोज भक्त, विनोद कुमार सिंह ने मुख्य रूप से संबोधित किया.

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