कोल इंडिया के कर्मचारियों के कैडर स्कीम की होगी समीक्षा, कमेटी बनी
कोल इंडिया के कर्मचारियों के कैडर स्कीम की समीक्षा होगी. इसके लिए बनी कमेटी 45 दिनों में रिपोर्ट देगी.
मनोज सिंह कोल इंडिया के कर्मचारियों के कैडर स्कीम की समीक्षा होगी. इसके लिए कोल इंडिया ने कमेटी बनायी है. इसमें कोल इंडिया की सभी अनुषंगी कंपनियों के अधिकारियों को रखा गया है. कमेटी में 10 अधिकारियों को रखा गया है. सीसीएल से चीफ मैनेजर पर्सनल कविता गुप्ता, एमसीएल से चीफ मैनेजर सिमांचला पांडा, एसइसीएल से मनीष श्रीवास्तव, कोल इंडिया से फणेंद्र कोराडा और रितिका श्रीवास्तव, इसीएल से अभिषेक भट्टाचार्जी, डब्ल्यूसीएल से विवेक सिंह, बीसीसीएल से विनीत सिन्हा, सीएमपीडीआइ से अनामिका सिंह व एनसीएल से अभिषेक त्रिपाठी को रखा गया है. कमेटी 45 दिनों के अंदर रिपोर्ट कोल इंडिया के जीएम आइआर को अपना रिपोर्ट सौंपेगी. इससे संबंधित आदेश कोल इंडिया के महाप्रबंधक श्रम शक्ति गौतम बनर्जी ने जारी कर दिया है.
1211 कैडर है कोल इंडिया में, कई अप्रासंगिक कोल इंडिया में कुल 1211 कैडर हैं. मतलब इतने तरह के पद कंपनी में हैं. इसमें 1983 के बाद से कोई बदलाव नहीं हुआ है. इसकी समीक्षा कई बार हुई है. बदली परिस्थिति में कोल इंडिया में कई ऐसे पद हैं, जो अप्रासंगिक हो गये हैं. इन पदों को लेकर पुनर्विचार करने की मांग कई बार यूनियन भी करती रही है. कंपनी में एलटीसी क्लर्क, राशन कार्ड क्लर्क, डोमेस्टिक क्लर्क जैसे कई पद हैं. जिन पदों पर ना आदमी हैं, ना इन स्तर का काम है. कंप्यूटर आने के बाद कई पदों को समाप्त करने की जरूरत महसूस की जा रही है. कंपनी में पहले ड्राइवरों की बहाली होती थी. अब कंपनी भाड़े की गाड़ी पर चलती है. ऐसे में ड्राइवरों के पदों का महत्व भी नहीं रह गया है. क्या कहते हैं यूनियन सदस्य यूनियन भी चाहते हैं कि मजदूरों के कैडर स्कीम में बदलाव हो. कई ऐसे पद हैं, जो कोयला उद्योग के राष्ट्रीयकरण के समय से हैं. ऐसे पदों पर ना काम करनेवाला है, ना इस नेचर का काम है. इसकी समीक्षा की मांग होती रही है. अधिकारियों की रिपोर्ट के बाद मजदूर प्रतिनिधि भी इस पर विचार करेंगे. उसके बाद आगे का निर्णय होगा. लखनलाल महतो, जेबीसीसीआइ सदस्य, एटक