Ayushman Bharat Yojana : नये साल में आयुष्मान योजना से इलाज कराने के पहले जान लें नया नियम
Ayushman Bharat Yojana :आयुष्मान योजना नये साल से नये पोर्टल पर शिफ्ट होगी. नियम बदल जायेंगे. इलाज से पहले यह जरूर सुनिश्चित करें कि संबंधित अस्पताल आयुष्मान भारत (पीएम-जय) योजना के तहत पंजीकृत है या नहीं.
Ayushman Bharat Yojana :नये साल पर आयुष्मान भारत (पीएमजय) योजना की व्यवस्था बदलने जा रही है. यह बदलाव योजना के तकनीकी निबंधन को लेकर है, जिसमें अस्पतालों का निबंधन यानी रजिस्ट्रेशन नये सिरे से सूचीबद्ध किया जा रहा है. इससे मरीजों के उपचार के तरीकों में कोई अंतर नहीं होगा, बशर्ते उसका रजिस्ट्रेशन न्यू एचइएम (हॉस्पिटल इम्पैनलमेंट मॉड्यूल) 2.0 पर भी मान्य हो. अस्पतालों को नये तरीके से निबंधन की जानकारी 2025 की शुरुआत में ही दे दी गयी थी. 31 दिसंबर इसकी आखिरी तारीख है. मरीजों को अपना इलाज कराने के पहले यह सुनिश्चित कर लेना होगा कि अस्पताल आयुष्मान भारत (पीएमजय) योजना के तहत निबंधित है या नहीं.
अस्पतालों के इम्पैनलमेंट के लिए न्यू एचइएम (हॉस्पिटल इम्पैनलमेंट मॉड्यूल) 1.0 को 2.0 पर स्थानांतरित (माइग्रेट) कर दिया गया है. यह उपचार की कागजी प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित, आसान और उपयोगकर्ता के हिसाब से यूजर फ्रेंडली बनायेगा. नया सिस्टम लागू होने के बाद अस्पतालों को अब आधिकारिक तौर पर अपडेट किये गये पोर्टल (एचइएम 2.0) का उपयोग करके पंजीकरण या इम्पैनलमेंट कराना है. अस्पताल पंजीकरण और संबंधित प्रक्रिया नये पोर्टल के माध्यम से पूरी की गयी है. यह वेब आधारित पोर्टल स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को आसानी से जुड़ने में मदद करेगा.
नया सिस्टम लागू होने के बाद क्या होगा?
आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने इस संबंध में 13 फरवरी 2025 को आयुष्मान भारत एबी-पीएमजय योजना के तहत झारखंड के सभी संबद्ध सरकारी और प्राइवेट अस्पताल और हेल्थ केयर प्रोवाइडर को नये सिरे से इम्पैनल्ड करने की बात कही है. नया सिस्टम लागू होने के बाद एचइएम 1.0 पोर्टल जीओवी डॉट इन को बंद कर दिया जायेगा.
योजना के तहत 565 अस्पताल सूचीबद्ध
राज्य में योजना के तहत कुल 565 सूचीबद्ध अस्पताल हैं, इनमें से 240 सरकारी और 325 निजी अस्पताल हैं. इसमें से करीब 14 अस्पताल वर्तमान में निलंबित हैं. रांची में सरकारी और प्राइवेट कुल 95 अस्पताल ने एचइएम 2.0 के तहत निबंधन के लिए अप्लाई किये हैं. 10 फरवरी 2025 से झारखंड में टीएमएस 2.0 सॉफ्टवेयर को लागू किया गया था, जिसमें कई तकनीकी समस्याएं सामने आयी थीं.
