Political news : सर्वे सेटलमेंट के लंबित मामलों का निपटारा करने के लिए गठित होगा विशेष न्यायालय
दूसरी भाषा में बने खतियान के अनुवाद के लिए सरकार ट्रांसलेटर भी बहाल करेगी.
रांची.
विधायक उमाकांत रजक ने कहा कि राज्य में सर्वे सेटलमेंट की त्रुटियों के कारण जमीन विवाद में वृद्धि हो रही है. जमीन माफिया हावी हैं. 45 वर्षों से सर्वे सेटलमेंट नहीं हुआ है. इस पर मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि सेटलमेंट में हुई त्रुटियों में सुधार के लिए सीएनटी एक्ट में प्रावधान है. सर्वे सेटलमेंट के लंबित 14 हजार से अधिक मामलों में से दो हजार से अधिक का निपटारा कर दिया गया है. विशेष न्यायालय स्थापित कर मामलों का तेजी से निपटारा किया जायेगा. दूसरी भाषा में बने खतियान के अनुवाद के लिए सरकार ट्रांसलेटर भी बहाल करेगी.केंद्र नहीं जारी कर रहा जन-जल योजना की राशि
विधायक शत्रुघ्न महतो के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि भारत सरकार नल-जल योजना की राशि नहीं दे रही है. राशि के अभाव में काम की प्रगति काफी धीमी है. 6500 करोड़ का जो कार्य राज्य सरकार ने किया है, केंद्र उसकी राशि भी जारी नहीं कर रहा है. केंद्र सरकार दोहरी नीति कर रही है. तीन हिस्सों में बांट कर राशि जारी की जा रही है. भाजपा शासित राज्य, गठबंधन शासित राज्य और विपक्षी दलों के विधायकों व सांसदों के आधार पर केंद्र राशि जारी कर रहा है. इसी मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री से भी मुलाकात तय की गयी है. भाजपा चाहे, तो अपने सभी विधायकों को लेकर बैठक में चल सकती है.
आबादी के अनुरूप हो आरक्षण का निर्धारण
गैर सरकारी संकल्प में विधायक प्रदीप यादव ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण की उच्चतम सीमा 50 प्रतिशत को समाप्त कर आबादी के अनुरूप आरक्षण निर्धारित करने की मांग की. मंत्री दीपक बिरुआ ने जवाब देते हुए कहा कि आरक्षण विधेयक 2022 में ही पारित कर दिया गया है. यह विधेयक राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए भेजा गया है. हमने कानूनी पक्षों को ध्यान में रखते हुए विधेयक तैयार किया है. बिल पारित कराने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जाये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
