90 प्रतिशत माओवादी गतिविधियां 35 जिलों में, राजनाथ बोले – राज्य लें ऑपरेशन की जिम्मेवारी

नयी दिल्ली / रांची: सुकमा हमले में 25 सीआरपीएफ जवानों की शहादत के बाद सरकार ने नक्सलियों से लड़ने की रणनीति में बदलाव लाने का फैसला लिया है. आज दिल्ली में नक्सल प्रभावित राज्य के मुख्यमंत्रियों की बैठक जारी है. बैठक की अध्यक्षता गृह मंत्री राजनाथ सिंह कर रहे हैं. बैठक के पहले जो तथ्य […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 8, 2017 11:51 AM

नयी दिल्ली / रांची: सुकमा हमले में 25 सीआरपीएफ जवानों की शहादत के बाद सरकार ने नक्सलियों से लड़ने की रणनीति में बदलाव लाने का फैसला लिया है. आज दिल्ली में नक्सल प्रभावित राज्य के मुख्यमंत्रियों की बैठक जारी है. बैठक की अध्यक्षता गृह मंत्री राजनाथ सिंह कर रहे हैं. बैठक के पहले जो तथ्य सामने आये हैं, उसमे कहा जा रहा है कि देश की 90 प्रतिशत माओवादी गतिविधियां 35 जिलों में सिमट चुकी है. सरकार की नयी रणनीति के मुताबिक सरकार नये एक्शन प्लान उन 35 जिलों पर केंद्रित होगा जो माओवादी हिंसा से बुरी तरह प्रभावित हैं. बैठक में 35 जिलों के पुलिस अधीक्षक भी शामिल हैं. आज बैठक में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एक अहम बात कही कि राज्य सरकारें वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ संघर्ष का ऑनरशिप लें और केंद्र की पारा मिलट्री फोर्स सक्रिय रूप से उनकी मदद करेगी. उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर सुरक्षा बलों में नेतृत्व का अभाव नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा किआॅपरेशन की सफलता के लिए उद्देश्य और एक्शन में साम्य होना जरूरी है.

20 वर्षो में जा चुकी है 12 हजार लोगों की जान
पिछले 20 सालों में नक्सली हिंसा में 12 हजार लोगों की जान जा चुकी है. इनमें 2700 सुरक्षा बल व 9300 निर्दोष व्यक्ति शामिल हैं. नक्सलवाद से सबसे बुरी तरह से प्रभावित छतीसगढ़ है. वहीं, झारखंड में भी नक्सलियों का खतरा कायम है. हालांकि झारखंड में पुलिस तेजी से नक्सलियों से विखंडित ग्रुप पीएलएफआई के उग्रवादियों को सरेंडर करवाने में कामयाब दिख रही है. उधर छतीसगढ़ की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है. खासतौर से सुकमा और दंतेवाड़ा दो जिलों से सबसे ज्यादा माओवादी हिंसा की खबरें आती हैं. 24 अप्रैल 2017 को माओवादी हमले में 25 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गये. इसी साल सुकमा में 11 मार्च को माओवादी के साथ मुठभेड़ में 11 मार्च को मारे गये थे. 25 मई 2013 को सुकमा जिले में कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल समेत 30 लोगों की हत्या कर दी गयी.

90 प्रतिशत माओवादी गतिविधियां 35 जिलों में, राजनाथ बोले – राज्य लें ऑपरेशन की जिम्मेवारी

सरकार के सामने क्या है चुनौती
अमूमन जब नक्सली गतिविधियां ठंडी पढ़ती है तो सरकार मान लेती है कि नक्सली अब नरम पड़ गये हैं. नोटबंदी के बाद कहा जा रहा था कि नक्सलियों को नोटबंदी से नुकसान हुआ है लेकिन अचानक से नक्सली कोई बड़ी घटना को अंजाम दे देते हैं. खुफियाविभाग को नक्सलियों के मूवमेंट के बारे में स्पष्ट रूप से पता नहीं चल पाता है.सरकार नक्सली गतिविधियों पर काबू पाने के लिए समग्र रणनीति बनायेगी. इसमें राज्य की पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा कर्मियों के बीच समन्वय के बीच मजबूती लाने को कहा है.
बताया जा रहा है कि केंद्रीय सुरक्षाबलों को राज्य के पुलिस का सहयोग नहीं मिल पा रहा है. सरकार इन सब बिन्दुओं पर फैसला ले सकती है. इस बैठक में केन्‍द्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, रेलवे मंत्रालय, नागर विमानन मंत्रालय, गामीण विकास मंत्रालय, विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय तथा दूरसंचार मंत्रालय के प्रभारी मंत्री भी मौजूद रहेंगे. बैठक में स्थिति की समग्र समीक्षा की जायेगी, जिसमें सुरक्षा और विकास के मुद्दे, विशेषकर बुनियादी सुविधाओं की स्थिति की समीक्षा शामिल होगी.

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