झारखंड का बजट आज : टैक्स में बदलाव की उम्मीद नहीं

रांची : विधानसभा में सोमवार को मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री रघुवर दास वित्तीय वर्ष 2017-18 का बजट पेश करेंगे. इस बार के बजट का आकार 75000 करोड़ के करीब होने का अनुमान है. अगले वित्तीय वर्ष से गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लगाने की तैयारी चल रही है, इस कारण इस बार बजट में किसी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 23, 2017 7:58 AM
रांची : विधानसभा में सोमवार को मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री रघुवर दास वित्तीय वर्ष 2017-18 का बजट पेश करेंगे. इस बार के बजट का आकार 75000 करोड़ के करीब होने का अनुमान है. अगले वित्तीय वर्ष से गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लगाने की तैयारी चल रही है, इस कारण इस बार बजट में किसी भी वस्तु पर टैक्स लगाने या बढ़ाये जाने की संभावना नहीं है.
वैट में किसी भी तरह के बदलाव की कोई उम्मीद नहीं है. इस बार बजट में सरकार शहीदों के गांवों को विकसित करने सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा कर सकती है. अनुसूचित जनजाति के लिए शिक्षा ऋण गारंटी योजना शामिल की जा सकती है. पिछले दिनों टीएसी उप समिति की अनुशंसा पर राज्य सरकार एसटी छात्रों के शिक्षा ऋण के लिए गारंटर बनने को तैयार है. बजट में इस योजना के लिए करीब 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा सकता है. बजट में टाना भगतों के कल्याण के लिए भी सरकार कदम उठा सकती है.
अनुमान है कि टाना भगतों के कल्याण की योजना पर करीब 15 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा सकता है. अल्पसंख्यकों के लिए रांची में मुसाफिर खाना (धर्मशाला) और हज हाउस के लिए राशि का प्रावधान किया जा सकता है. इसके अलावा यात्रियों की सुविधा के लिए हाइवे के किनारे शौचालय बनाने की नयी योजना को भी शामिल किया जा सकता है. रांची सदर अस्पताल को शुरू करने के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा सकता है.
अलग होगा बजट
योजना और गैर योजना शब्द का उल्लेख नहीं होगा. पूरे खर्च को राजस्व खर्च और पूंजीगत खर्च के रूप में दर्शाया जायेगा
गैर योजना शब्द की जगह स्थापना खर्च लिखा जायेगा. इसमें वेतन भत्ता, पेंशन, कर्ज और सूद अदायगी, ईंधन, गाड़ी पर होनेवाले खर्च का उल्लेख होगा
योजना के बदले विकास पर होनेवाले खर्च को पूंजीगत खर्च के रूप में दिखाया जायेगा
पूंजीगत खर्च दो हिस्सों में होगा. पहले हिस्से में केंद्रीय सहायता और पूरी तरह केंद्र के पैसों से चलनेवाली योजनाओं का उल्लेख होगा.
दूसरे हिस्से में राज्य के पैसों से चलनेवाली योजनाओं का उल्लेख होगा. इसे राज्य योजना के नाम से जाना जायेगा. राज्य योजना को तीन हिस्सों में बांटा होगा. पहले हिस्से में एेसे खर्चों को शामिल किया जायेगा, जिसे देना आवश्यक हो और पूंजी सृजन के क्रम में सरकार पर देनदारी हो गयी हो. दूसरे हिस्से में चालू योजनाओं के लिए पैसों के प्रावधान का उल्लेख होगा. तीसरे में नयी योजनाओं का उल्लेख होगा.
पहले की तरह कृषि और जेंडर बजट अलग-अलग होगा
पिछले बजट में की गयी घोषणाएं और उस पर की गयी कार्रवाई के साथ ही आउटकम बजट और जिलावार महत्वपूर्ण योजनाओं का ब्योरा अलग से पेश किया जायेगा
इन योजनाओं को मंजूरी संभव
शिक्षा ऋण गारंटी योजना
शहीदों के पैतृक गांव की विकास योजना
अल्पसंख्यकों के लिए धर्मशाला
हाइवे के किनारे शौचालय
टाना भगतों के लिए 15 करोड़

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