6th JPSC : जेपीएससी की अनुशंसा पर कोर्ट ने जवाब मांगा

झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से छठी जेपीएससी के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई की. एसटी कैटेगरी की अभ्यर्थी का सामान्य में अनुशंसा करने के मामले में प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद जवाब दायर करने का निर्देश दिया

By Prabhat Khabar Print Desk | June 13, 2020 4:20 AM

रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से छठी जेपीएससी के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई की. एसटी कैटेगरी की अभ्यर्थी का सामान्य में अनुशंसा करने के मामले में प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद जवाब दायर करने का निर्देश दिया. अदालत ने राज्य सरकार व झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) को शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया. अदालत ने नियुक्ति अनुशंसा पर रोक लगाने के प्रार्थी के आग्रह को स्वीकार नहीं किया. मामले की अगली सुनवाई अब चार सप्ताह बाद होगी.

इससे पूर्व जेपीएससी की अोर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने अदालत को बताया कि प्रार्थी मनीषा तिर्की ने एसटी कैटेगरी में आवेदन दिया था. अधिक अंक लाने के कारण उनकी नियुक्ति की अनुशंसा सामान्य कैटेगरी में को-अॉपरेटिव सेवा में की गयी है. विज्ञापन में भी इसका उल्लेख किया गया है. वहीं प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता प्रवीण अखाैरी ने बताया कि मनीषा ने एसटी कैटेगरी में आवेदन दिया था.

यदि आरक्षित वर्ग (एसटी) में अनुशंसा की जाती, तो उसे बेहतर कैडर प्रशासनिक सेवा का मिलता. इसलिए एसटी कैटेगरी में ही उनकी अनुशंसा की जानी चाहिए. तब तक आयोग की अनुशंसा पर रोक लगाने का आग्रह किया गया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी मनीषा तिर्की ने याचिका दायर कर अपने आरक्षित वर्ग (एसटी) में ही छठी जेपीएससी के तहत नियुक्ति की अनुशंसा करने की मांग की है. जबकि आयोग ने सामान्य कैटेगरी में मनीषा की नियुक्ति की अनुशंसा की है.

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