झारखंड लौटे 2.64 लाख प्रवासी श्रमिकों को हुआ सर्वेक्षण, डेढ़ लाख के पास राशन कार्ड और जनधन खाता तक नहीं

कोविड-19 के दौरान एक मई के बाद से आये प्रवासी श्रमिकों में आधे से अधिक के पास न तो राशन कार्ड है और न ही जनधन खाता. लगभग 56 हजार लोगों के पास आयुष्मान भारत कार्ड भी नहीं है

By Prabhat Khabar Print Desk | June 25, 2020 2:14 AM

सुनील चौधरी, रांची : कोविड-19 के दौरान एक मई के बाद से आये प्रवासी श्रमिकों में आधे से अधिक के पास न तो राशन कार्ड है और न ही जनधन खाता. लगभग 56 हजार लोगों के पास आयुष्मान भारत कार्ड भी नहीं है. कोई बीमा योजना का लाभ भी इन्हें नहीं मिल सकता. जबकि ये श्रमिक इन सरकारी योजनाओं का लाभ लेने की पात्रता रखते हैं. गौरतलब है कि ग्रामीण विकास विभाग राज्य में वापस लौटे श्रमिकों का सर्वे, मिशन सक्षम के तहत कर रहा है. श्रमिकों से उनके बारे जानकारी लेने के साथ-साथ उनकी स्कील मैपिंग भी की जा रही है.

अब तक करीब 2.64 लाख श्रमिकों का सर्वे हो चुका है. इनमें से 2.48 लाख श्रमिक पुरुष हैं तथा करीब 16 हजार महिलाएं. सर्वे में पाया गया कि इनमें से 1.84 लाख कुशल (स्किल्ड) मजदूर हैं वहीं करीब 80 हजार अकुशल (अनस्किल्ड) मजदूर हैं. सर्वे के अनुसार करीब 71 हजार श्रमिक किसी स्वयं सहायता समूह(एसएचजी) के सदस्य नहीं है. वहीं 1.40 लाख श्रमिकों के पास मनरेगा का जॉब कार्ड नहीं है. जबकि करीब 1.97 लाख श्रमिकों ने मनरेगा के तहत काम करने की इच्छा जतायी है. इनमें 1.58 लाख के पास जन-धन खाता भी नहीं है.

श्रमिकों ने अलग-अलग क्षेत्र में काम करने की इच्छा जतायी : सर्वे के दौरान श्रमिकों से काम के संबंध में उनकी रुचि की जानकारी ली गयी. करीब 95 हजार श्रमिकों ने कहा कि वह कृषि क्षेत्र में काम करना चाहते हैं. वहीं 35 हजार मजदूरों ने स्वरोजगार की इच्छा जतायी. उधर 62 हजार मजदूरों का कहना था कि वे अपनी योग्यता के अनुसार काम करना चाहते हैं. इधर करीब 36 हजार श्रमिकों ने उपरोक्त के अलावा अन्य कार्यों में रुचि दिखायी है.

योजना जिन्हें लाभ

नहीं मिल रहा

राशन कार्ड 118172

वृद्धा पेंशन 13385

विधवा पेंशन 5439

दिव्यांग पेंशन 2825

आयुष्मान भारत कार्ड 56659

जीवन ज्योति बीमा 23004

अटल पेंशन योजना 15487

posted by : Pritish Sahay

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