रांची: परिवार वालों ने 25 साल पहले जिसे मरा हुआ समझ कर दिया था अंतिम संस्कार वो जिंदा निकला, जेल में है बंद

बात थाना क्षेत्र के सरगांव का है. बताया जाता है वहां रहनेवाला जीतू किस्पोट्टा 25 साल पहले अचानक लापता हो गया था. जिस वक्त वह लापता हुआ था, उस वक्त उसकी उम्र करीब 20 साल की थी.

By Prabhat Khabar | September 22, 2023 12:02 PM

रांची : घर से 25 वर्ष पहले लापता जिस शख्स के परिजनों ने उसे मृत समझ अंतिम संस्कार कर दिया था, वह आज भी जिंदा है. लापता जीतू किस्पोट्टा (पिता-एतवा उरांव) इस वक्त उत्तरप्रदेश के मेरठ जेल में बंद है. जेल में उसने जैसे ही अपने परिजनों से मिलने की इच्छा जतायी, जेल प्रबंधन ने उससे उसके गांव और थाने का पता लिया और इसकी सूचना मांडर पुलिस को दी. जब मांडर पुलिस ने जीतू के घरवालों को इसकी सूचना दी, तब घरवाले को होश उड़ गये. उन्हें उम्मीद ही नहीं थी कि जीतू जिंदा है. परिजनों के मन में खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

बात थाना क्षेत्र के सरगांव का है. बताया जाता है वहां रहनेवाला जीतू किस्पोट्टा 25 साल पहले अचानक लापता हो गया था. जिस वक्त वह लापता हुआ था, उस वक्त उसकी उम्र करीब 20 साल की थी. लापता होने के बाद कई साल तक परिजनों ने उसके ढूंढने का प्रयास किया, लेकिन कुछ पता नहीं चला. अंत में उसे मृत समझ परिजनों व गांव-समाज के लोगों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया. बुधवार की शाम चार बजे मेरठ के जेलर ने मांडर थाना प्रभारी विनय कुमार यादव से फोन पर संपर्क किया और सरगांव निवासी जीतू के किसी अपराध के सिलसिले में जेल में बंद होने की जानकारी दी.

जब पुलिस गांव पहुंची, तो पता चला कि वह 25 साल पहले से ही लापता है. थाना प्रभारी ने जीतू की तस्वीर परिजनों को दिखायी, तो सभी ने तुरंत उसे पहचान लिया. परिजनों की आंखों से खुशी के आंसू निकल गये. बताया जाता है कि अब वह 45 साल का है और परिवार के लोगों से मिलना चाहता है. घर में उसके पिता एतवा उरांव, भाई बिगला उरांव, भतीजा दशरथ उरांव, नितेश उरांव व दशरथ किस्पोट्टा हैं. परिवार के लोग जीतू उरांव से मिलने के लिए मेरठ जाने की तैयारी कर रहे हैं.

Next Article

Exit mobile version