टेरर फंडिंग व मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका : अंतरराष्ट्रीय ई-टिकटिंग रैकेट का पता चला, गिरिडीह का युवक गिरफ्तार

नयी दिल्ली : आरपीएफ ने टेरर फंडिंग से जुड़े अंतरराष्ट्रीय ई-टिकटिंग गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस सिलसिले में झारखंड के एक व्यक्ति को भुवनेश्वर से गिरफ्तार किया गया है. इस शख्स का नाम गुलाम मुस्तफा है, जो गिरिडीह जिले का रहनेवाला है़ वह मदरसे से पढ़ा हुआ है.उसने खुद ही सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट करना सीखा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 22, 2020 6:09 AM
नयी दिल्ली : आरपीएफ ने टेरर फंडिंग से जुड़े अंतरराष्ट्रीय ई-टिकटिंग गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस सिलसिले में झारखंड के एक व्यक्ति को भुवनेश्वर से गिरफ्तार किया गया है. इस शख्स का नाम गुलाम मुस्तफा है, जो गिरिडीह जिले का रहनेवाला है़ वह मदरसे से पढ़ा हुआ है.उसने खुद ही सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट करना सीखा है. गिरोह के तार पाकिस्तान, बांग्लादेश और दुबई से जुड़े होने के संदेह हैं.
आरपीएफ डीजी अरुण कुमार ने मंगलवार को बताया कि 28 साल के गुलाम मुस्तफा के पास काम करने वाले प्रोग्रामर की एक टीम भी थी. उसने 2015 में बेंगलुरु में टिकट काउंटर शुरू किया और फिर ई-टिकट और अवैध सॉफ्टवेयर का काम करने लगा. आरपीएफ डीजी के मुताबिक मुस्तफा ने डार्कनेट तक पहुंच के लिए सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया और लिनक्स आधारित हैकिंग प्रणाली उसके लैपटॉप में मिली.
पुलिस के साथ मुस्तफा के गांव पहुंची आरपीएफ
गिरिडीह. ई-टिकटिंग गैंग का सदस्य गुलाम मुस्तफा (28) गिरिडीह जिले के बिरनी थाना के दलमी गांव (तारा गली) का रहनेवाला है. उसके पिता का नाम कुर्बान अंसारी है. तीन भाइयों में मुस्तफा मंझला है. उसकी शादी सरिया थाना क्षेत्र के खेसकारी गांव में हुई है. भुवनेश्वर से हाफिज की पढ़ाई के बाद मुस्तफा बेंगलुरु में रह रहा था. मंगलवार को गिरिडीह पुलिस के साथ आरपीएफ की टीम उससे संबंधित जानकारी जुटाने के लिए दलमी गांव गयी थी.
आरोपी के पास 3000 खाते
मुस्तफा के पास आइआरसीटीसी के 563 निजी आइडी मिले और उसके पास स्टेट बैंक आॅफ इंडिया की 2400 शाखाओं और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की 600 शाखाओं की सूची भी मिली, जहां उसके खाते होने के संदेह हैं.पिछले दस दिनों से आइबी, स्पेशल ब्यूरो, इडी, एनआइए और कर्नाटक पुलिस ने मुस्तफा से पूछताछ की है.

Next Article

Exit mobile version