बन गये मंत्री, मंत्रालय में नहीं मिला कमरा, प्रदेश कार्यालय में काट रहे दिन
रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत चार मंत्रियों ने 29 दिसंबर को मंत्री पद की शपथ ली थी. 12 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक विभाग का बंटवारा नहीं हो सका है. विभाग नहीं बंटने की वजह से मंत्री को मंत्रालय में कमरा नहीं मिल पाया है. इसकी वजह से वे मंत्रालय नहीं […]
रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत चार मंत्रियों ने 29 दिसंबर को मंत्री पद की शपथ ली थी. 12 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक विभाग का बंटवारा नहीं हो सका है. विभाग नहीं बंटने की वजह से मंत्री को मंत्रालय में कमरा नहीं मिल पाया है. इसकी वजह से वे मंत्रालय नहीं जा पा रहे हैं. वहीं यह भी तर्क दिया जा रहा है कि अगर विभाग नहीं बंटा है, तो वे मंत्रालय जाकर करेंगे क्या? विभाग मिलता तो वे फाइलों का निबटारा कर सकते थे.
इधर दूसरी तरफ नवनियुक्त मंत्रियों का अधिकांश समय प्रदेश कार्यालय में ही कट रहा है. यहीं पर वे पार्टी कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं. हेमंत सरकार में आलमगीर आलम, डॉ रामेश्वर उरांव व सत्यानंद भोक्ता को मंत्री बनाया गया है.
हालांकि विधानसभा सत्र से पहले आलमगीर आलम को संसदीय कार्यमंत्री बनाया गया. विधानसभा में तो उनके बैठने की जगह तो मिल गयी, लेकिन मंत्रालय में अब तक जगह नहीं पायी है. इसी प्रकार राजद कोटे से मंत्री बने सत्यानंद भोक्ता को भी कोई विभाग नहीं मिला है. प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव क्षेत्र से लौटने के बाद नियमित तौर पर कांग्रेस भवन में बैठ रहे हैं.
वहीं राजद में अभी तक मंत्री के अभिनंदन का ही दौर चल रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खरमास की वजह से न तो मंत्रिमंडल का विस्तार हो पा रहा है और न ही मंत्रियों के विभाग बंट रहे हैं. ऐसी स्थिति में नवनियुक्त मंत्रियों को विभागीय कामकाज शुरू करने के लिए और पांच से छह दिनों तक इंतजार करना पड़ सकता है.
12 दिन बाद भी तीनों मंत्रियों के बीच नहीं बंटे विभाग
संसदीय कार्यमंत्री की हैसियत से आलमगीर आलम को विधानसभा में मिली जगह