तन-मन” से जनता की सेवा की, हार का मलाल नहीं : रघुवर दास

रांची : झारखंड के निवर्तमान मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि उन्होंने पूरे पांच वर्ष ‘तन-मन’ से राज्य की सवा तीन करोड़ जनता की सेवा की लेकिन जनता ने जो जनादेश दिया है वह भी शिरोधार्य है उसका मलाल नहीं है. निवर्तमान मुख्यमंत्री ने पीटीआई को दिये एक विशेष साक्षात्कार में कहा, झारखड के निर्माण […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 28, 2019 5:45 PM

रांची : झारखंड के निवर्तमान मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि उन्होंने पूरे पांच वर्ष ‘तन-मन’ से राज्य की सवा तीन करोड़ जनता की सेवा की लेकिन जनता ने जो जनादेश दिया है वह भी शिरोधार्य है उसका मलाल नहीं है.

निवर्तमान मुख्यमंत्री ने पीटीआई को दिये एक विशेष साक्षात्कार में कहा, झारखड के निर्माण के बाद 14 वर्षों से निराश और हताश जनता के मन में मैंने सरकार के प्रति विश्वास पैदा किया.

मैंने तन-मन से राज्य की सवा तीन करोड़ जनता की सेवा की. फिर भी हार का कोई मलाल नहीं है. दास ने यहां मुख्यमंत्री के अपने सरकारी आवास में दिये अपने अंतिम साक्षात्कार में कहा, पांच वर्ष के मेरे कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि है शासन और जनता में विश्वास का रिश्ता कायम करना.

उन्होंने कहा, वर्ष 2014 में जनता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर भाजपा को बहुमत दिया. प्रधानमंत्री ने वादा किया था, आप हमें पूर्ण बहुमत दें और हम आपको संपूर्ण विकास देंगे और जनता ने प्रधानमंत्री के आह्वान पर विश्वास किया.

दास ने कहा, अलग राज्य बनने के बाद से जो जनता हताश और निराश थी उसमें सरकार और शासन के प्रति विश्वास वापस लाना मेरी पहली जिम्मेदारी थी और पांच वर्ष में मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि यही है कि शासन के प्रति जनता के मन में हम विश्वास वापस लाने में सफल रहे.

घमंडी और अड़ियल होने के अपने उपर लगे आरोपों के बारे में पूछे जाने पर दास ने कहा, मैं घमंडी और अड़ियल कत्तई नहीं हूं. हां मैं स्पष्टवादी अवश्य हूं क्योंकि मेरे मां-बाप ने हमें बचपन से यही सिखाया है. यह मेरे खून में है. दास ने कहा, जब मैं विकास की बात करता हूं, जब राज्य को आगे ले जाने की बात कहता हूं तो मुझे अहंकारी बोला जाता है.

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, भ्रष्ट अंदर से ध्वस्त रहता है. मैं अंदर-बाहर एक जैसा हूं. हर तरह से साफ-सुथरा हूं. यही कारण है कि पांच वर्ष के शासन के दौरान मेरे कार्यालय अथवा आवास पर किसी दलाल को कभी प्रवेश नहीं मिला. इससे भी सत्ता के तमाम दलाल हमसे दुखी थे.

दास ने कहा, मैं अपने काम से संतुष्ट हूं क्योंकि हमने हर सेक्टर में काम किया. मेरा उद्देश्य ही था, विकास और योजनाओं के सम्यक क्रियान्वयन से लोगों का भरोसा जीतना और मेरी सरकार इसमें कामयाब हुई.

उन्होंने इन विधानसभा चुनावों में हार के संबन्ध में पूछे जाने पर कहा, पार्टी उच्चस्तर पर शीघ्र इन कारणों की समीक्षा करेगी और वहीं मैं भी अपने विचार रखूंगा, लेकिन प्रारंभिक आकलन यही है कि हमारा अपने सहयोगी आज्सू से गठबंधन न होने का दोनों दलों को भारी नुकसान हुआ.

दोनों दलों के मतों का योग कम से कम 13 ऐसी सीटों पर विपक्षी गठबंधन से अधिक था जहां भाजपा और आज्सू दोनों ही दल हार गये. अपने ही मंत्रिमंडल सहयोगी रहे सरयू राय से चुनाव हारने के संबन्ध में पूछे जाने पर दास ने भारी मन से कहा, मैं व्यक्तिगत लांछनों से बेहद दुखी हूं और जिस प्रकार हमें घमंडी कहा गया, मेरे उपर व्यसन के भी आरोप लगाये गये वह पूरी तरह बेबुनियाद और शुचिता की राजनीति के सिद्धान्तों के पूरी तरह खिलाफ थे.

आम जनता में भ्रम फैलाकर और झूठ की बातें फैलाकर मतदान से ठीक दो-तीन दिनों पूर्व यह अफवाह फैला दी गयी कि मैं चुनाव हार रहा हूं जिससे शायद लोग भ्रम में आ गये. राज्य में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनने वाली सरकार से उनके रिश्तों के बारे में पूछे गये सवाल पर रघुवर दास ने कहा, नयी सरकार को वह जनहित के मुद्दों पर सकारात्मक सहयोग देंगे यही कारण है कि वह स्वयं हेमंत के शपथ ग्रहण समारोह में कल शामिल होंगे लेकिन जनता के हित के मुद्दों से कोई समझौता कत्तई नहीं किया जायेगा.

हाल में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा की बुरी तरह हार हुई और उसे 81 सदस्यीय विधानसभा में सिर्फ 25 सीटें मिलीं जबकि हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन को 47 सीटें मिलीं और अब उसे बाबूलाल मरांडी की झाविमो के तीन विधायकों, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के एक तथा भाकपा (माले लिबरेशन) के एक विधायक का भी समर्थन मिल गया है.

इससे नयी सरकार को कुल 52 विधायकों का समर्थन हासिल हो गया है. हेमंत सोरेन सरकार का शपथ ग्रहण समारोह कल यहां मोरहाबादी मैदान में दो बजे से आयोजित है जिसमें पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, भाजपा विरोधी सरकारों के आधा दर्जन मुख्यमंत्री, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत विपक्ष के तमाम शीर्ष नेता पधार रहे हैं.

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