चौथे चरण में कल 15 सीटों पर होगा मतदान, पलिवार, बाउरी व दो गोतनियों पर निगाहें

तीन चरणों में 50 विधानसभा सीटों पर चुनाव समाप्त हो चुका है. चौथे चरण में सोमवार (16 दिसंबर) को कुल 15 सीटों पर चुनाव होना है. इनमें संताल परगना की दो और कोयलांचल की 13 सीटें शामिल हैं. यह चरण भाजपा, यूपीए, आजसू समेत कई दूसरी पार्टियों के लिए अहम साबित होगा.इस चरण में दो […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 15, 2019 5:24 AM

तीन चरणों में 50 विधानसभा सीटों पर चुनाव समाप्त हो चुका है. चौथे चरण में सोमवार (16 दिसंबर) को कुल 15 सीटों पर चुनाव होना है. इनमें संताल परगना की दो और कोयलांचल की 13 सीटें शामिल हैं. यह चरण भाजपा, यूपीए, आजसू समेत कई दूसरी पार्टियों के लिए अहम साबित होगा.इस चरण में दो मंत्री राज पलिवार व अमर बाउरी चुनाव मैदान में हैं. वहीं झरिया में दो गोतनियों के बीच कांटे की टक्कर है. दूसरी ओर पिछले विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा मतों से जीत हासिल करनेवाले बिंरची नारायण पर भी लोगों की नजर टिकी हुई है. अलावा ढुल्लू महतो की किस्मत का फैसला भी होना है.

मधुपुर : वोट शिफ्ट हुआ, तो बदल जायेगा समीकरण
मधुपुर विधानसभा क्षेत्र में एक बार फिर भाजपा ने राज पलिवार व झामुमो ने पुराने नेता हाजी हुसैन अंसारी को मैदान में उतारा है. पिछली बार इस सीट पर जीत-हार का अंतर मात्र 3.5 फीसदी वोट था. झाविमो व आजसू के भी प्रत्याशी इस बार मैदान में हैं. इस बार भी तीन-चार फीसदी वोट कहीं शिफ्ट हुआ तो परिणाम चौंकानेवाले होंगे.
खास बात : एनडीए से अलग होकर आजसू ने चुनाव मैदान में प्रत्याशी उतारा है. वहीं झाविमो ने शहीम खान को प्रत्याशी बनाया है.
क्यों हॉट है : मंत्री राज पलिवार व पूर्व मंत्री हाजी हुसैन अंसारी चुनाव लड़ रहे हैं.
  • 2014 में मतदाता: 2,80,478
  • मतदान 1,99,051
  • वोटिंग प्रतिशत 71.00
  • राज पलिवार, भाजपा 37.34 %
  • हाजी हुसैन, झामुमो 33.88 %
  • हार-जीत का अंतर : 3.52%
चंदनकियारी : एनडीए के प्रत्याशी ही आमने-सामने
चंदनकियारी विधानसभा क्षेत्र में परिस्थिति बदली हुई है. भाजपा ने भी आजसू के खिलाफ प्रत्याशी उतारा है. भाजपा ने झाविमो छोड़ कर पार्टी में शामिल हुए मंत्री अमर बाउरी को प्रत्याशी बनाया है. वहीं आजसू ने पूर्व मंत्री उमाकांत रजक को चुनाव मैदान में उतारा है. पिछले चुनाव में झाविमो ने आजसू प्रत्याशी को पराजित किया था.
खास बात : एनडीए गठबंधन टूटने का एक महत्वपूर्ण कारण यह सीट भी रही है.भाजपा व आजसू के लिए यह प्रतिष्ठा की सीट है.
  • 2014 में मतदाता: 2,18,047
  • मतदान 1,60,084
  • वोटिंग प्रतिशत 73.42
  • अमर बाउरी, झाविमो 51.18 %
  • उमाकांत रजक, आजसू 29.83 %
झरिया : दो गोतनियों की लड़ाई ने बढ़ाया रोमांच
झरिया सीट पर दो गोतनियों के बीच मुकाबला है. पिछले चुनाव में दो भाई आमने-सामने थे. इस बार उनकी पत्नी मैदान में हैं. भाजपा से पिछला चुनाव जीतनेवाले संजीव सिंह जेल में है. उनकी पत्नी रािगनी व कांग्रेस से दिवंगत नीरज की पत्नी पूर्णिमा नीरज सिंह मैदान में हैं.
खास बात : दो चचेरे भाइयों की जगह इस बार उनकी पत्नियां चुनाव मैदान में हैं. एक को कांग्रेस ने व दूसरी को भाजपा ने चुनाव मैदान में उतारा है.
  • 2014 में मतदाता: 2,66,487
  • मतदान 1,53,845
  • वोटिंग प्रतिशत 57.74
  • संजीव सिंह, भाजपा 48.14 %
  • नीरज सिंह, कांग्रेस 26.24 %
बोकारो : सबसे बड़ी जीत का बना था गवाह
पिछले विधानसभा चुनाव में यह सीट भाजपा ने सबसे बड़े अंतर से जीती थी. इस बार भी भाजपा ने उसी प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने दिग्गज नेता समरेश सिंह की बहू श्वेता सिंह को टिकट दिया है. आजसू व झाविमो ने भी चुनाव मैदान में अपना प्रत्याशी उतारा है.
खास बात : इस बार समरेश सिंह चुनावी राजनीति से बाहर हैं. वह कई बार इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं.
  • 2014 में मतदाता: 4,92,853
  • मतदान 2,63,513
  • वोटिंग प्रतिशत 27.22
  • बिरंची नारायण,भाजपा 43.38 %
  • मंजूर अंसारी, कांग्रेस 10.74 %
बाघमारा : फिर पुराने प्रतिद्वंद्वी हैं आमने-सामने
इस सीट पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. पिछले चुनाव में इस सीट पर जीत व हार का अंतर सिर्फ 7.66 प्रतिशत रहा था. यहां पर वोट शिफ्ट होने पर चुनाव परिणाम पर असर पड़ सकता है. इस सीट पर फिर से ढुल्लू व जलेश्वर आमने-सामने हैं.
खास बात : पिछले चुनाव में जदयू के टिकट से चुनाव लड़ने वाले जलेश्वर महतो इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. यूपीए में गठबंधन होने की वजह से झामुमो व राजद ने यहां प्रत्याशी नहीं उतारा है.
  • 2014 में मतदाता: 2,60,002
  • मतदान 1,67,662
  • वोटिंग प्रतिशत 64.48
  • ढुल्लू महतो, भाजपा 51.65 %
  • जलेश्वर महतो, जदयू 33.99 %

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