भाजपा के निष्ठावान सिपाही रामचंद्र बैठा, जानें इनका सफरनामा

निष्ठा, पद या प्रतिष्ठा से जुड़ी चीज नहीं है. यही वजह है कि कांके से चार बार विधायक रहे रामचंद्र बैठा का नाता भाजपा से खत्म नहीं हुआ है.बकौल श्री बैठा यह खत्म भी नहीं होगा. रामचंद्र तत्कालीन बिहार में 1990, 1995 तथा फिर तथा झारखंड गठन के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव 2005 व […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 9, 2019 6:15 AM
निष्ठा, पद या प्रतिष्ठा से जुड़ी चीज नहीं है. यही वजह है कि कांके से चार बार विधायक रहे रामचंद्र बैठा का नाता भाजपा से खत्म नहीं हुआ है.बकौल श्री बैठा यह खत्म भी नहीं होगा. रामचंद्र तत्कालीन बिहार में 1990, 1995 तथा फिर तथा झारखंड गठन के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव 2005 व फिर 2009 में भी चार बार विधायक रहे.
पर 20 वर्षों के इस विधायक का टिकट 2009 के चुनाव में भाजपा ने काट दिया. वर्ष 2014 के चुनाव में पार्टी ने एक नये प्रत्याशी डॉ जीतू चरण राम को टिकट दिया, वह जीते भी. इस बार 2019 के चुनाव में समरी लाल भाजपा के उम्मीदवार हैं. चार बार के विधायक श्री बैठा को यह उम्मीद रही होगी कि पार्टी उन्हें फिर याद करेगी.
पर इसके लिए पांच साल का इंतजार अब आगे भी जारी रहेगा. पर 1985 में पार्टी ज्वाइन करनेवाले श्री बैठा को इसका मलाल नहींं है. उन्होंने कहा कि वह मरते दम तक पार्टी के सिपाही रहेंगे. इसे दरकिनार नहीं कर सकते. फिलहाल वह भाजपा उम्मीदवार समरी लाल के समर्थन में प्रचार कर रहे हैं.
रामचंद्र बैठा का सफर
1985 : भाजपा में शामिल हुए
1990 : कांके से विधायक बने
1995 : कांके से विधायक बने
2005 : कांके से विधायक बने
2009 : कांके से विधायक बने

Next Article

Exit mobile version