झारखंड गठन के बाद सिर्फ 21 महिलाएं ही पहुंची विधानसभा, महिला वोटरों की संख्या एक करोड़ से अधिक

रांची : झारखंड गठन के बाद से सिर्फ 21 महिलाएं ही विधानसभा पहुंची हैं. हालांकि नया राज्य बनने के बाद से महिला विधायकों की भागीदारी सदन में लगातार बढ़ी है. बावजूद इसके अब भी विधानसभा में महिला विधायकों की भागीदारी करीब 12 प्रतिशत ही है. वर्तमान विधानसभा में विभिन्न दलों की 10 महिलाएं विधायक हैं. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 19, 2019 7:09 AM
रांची : झारखंड गठन के बाद से सिर्फ 21 महिलाएं ही विधानसभा पहुंची हैं. हालांकि नया राज्य बनने के बाद से महिला विधायकों की भागीदारी सदन में लगातार बढ़ी है. बावजूद इसके अब भी विधानसभा में महिला विधायकों की भागीदारी करीब 12 प्रतिशत ही है. वर्तमान विधानसभा में विभिन्न दलों की 10 महिलाएं विधायक हैं. जबकि राज्य में महिला वोटरों की संख्या एक करोड़ से अधिक है.
अलग राज्य गठन के बाद से विधानसभा के तीन चुनाव हुए हैं. वर्ष 2005 में हुए चुनाव में सिर्फ तीन महिलाएं ही जीत कर विधानसभा पहुंच पायी थीं. इसमें लिट्टीपाड़ा से सुशीला हांसदा, कोडरमा से अन्नपूर्णा देवी व निरसा से अर्पणा सेनगुप्ता शामिल थीं. हालांकि इस चुनाव में 94 महिलाएं उतरी थीं. इसमें से 85 महिलाओं की जमानत जब्त हो गयी थी.
वर्ष 2009 के बाद आठ महिलाएं चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंची थीं. इसमें कोडरमा से अन्नपूर्णा देवी, जामा से सीता सोरेन, झरिया से कुंती देवी, पोटका से मेनका सरदार, जगन्नाथपुर से गीता कोड़ा, सिसई से गीताश्री उरांव, सिमडेगा से विमला प्रधान और छत्तरपुर से सुधा चौधरी शामिल थीं. इस चुनाव में 107 महिलाओं ने भाग्य अजमाया था. इसमें से 94 महिलाअों की जमानत जब्त हो गयी थी.
वर्ष 2014 में हुए चुनाव के बाद 10 महिलाएं विधानसभा पहुंची थी. इसमें दुमका से लुईंस मरांडी, जामा से सीता सोरेन, कोडरमा से नीरा यादव, बड़कागांव से निर्मला देवी, पोटका से मेनका सरदार, जगन्नाथपुर से गीता कोड़ा, मांडर से गंगोत्री कुजूर व सिमडेगा से विमला प्रधान व मनोहरपुर से जोबा मांझी शामिल थीं. लुईस मरांडी व नीरा यादव को रघुवर सरकार में मंत्री का पद भी मिला. लुईस मरांडी कल्याण मंत्री और नीरा यादव शिक्षा मंत्री का दायित्व संभाल रही हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में गीता कोड़ा कांग्रेस की टिकट पर सिंहभूम से लोकसभा का चुनाव लड़ सांसद बन चुकी हैं.
वर्तमान कार्यकाल के दौरान सिल्ली के विधायक अमित महतो व गोमिया के योगेंद्र महतो को सजा सुनाये जाने के कारण इनकी सदस्यता समाप्त हो गयी. उपचुनाव में इन सीटों पर दोनों विधायक की पत्नियों ने चुनाव लड़ा और जीत कर विधानसभा पहुंची. सिल्ली से सीमा देवी व गोमिया से बबीता देवी विधानसभा पहुंची. इस वजह से महिला विधायकों की संख्या बढ़ कर 10 पहुंच गयी. पिछले विधानसभा चुनाव में 111 महिलाएं चुनाव मैदान में उतरी थी.

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