पारा शिक्षक स्थायीकरण मामला : झारखंड छोड़ सभी राज्यों में आरक्षण रोस्टर का पालन

– नियमावली पर बनी रिपोर्ट रांची : पारा शिक्षकों के स्थायीकरण को लेकर राज्य सरकार ने देश के पांच राज्यों की नियमावली का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार कर ली है. बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश व ओड़िशा में पारा शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया का अध्ययन किया गया. राज्य शिक्षा परियोजना की तुलनात्मक रिपोर्ट में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 21, 2019 7:54 AM
– नियमावली पर बनी रिपोर्ट
रांची : पारा शिक्षकों के स्थायीकरण को लेकर राज्य सरकार ने देश के पांच राज्यों की नियमावली का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार कर ली है. बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश व ओड़िशा में पारा शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया का अध्ययन किया गया. राज्य शिक्षा परियोजना की तुलनात्मक रिपोर्ट में कहा गया है कि झारखंड को छोड़कर सभी राज्यों में पारा शिक्षकों की नियुक्ति में आरक्षण रोस्टर का पालन किया गया है.
झारखंड के पारा शिक्षक सबसे ज्यादा जोर छत्तीसगढ़ मॉडल को लेकर करते हैं. रिपोर्ट में झारखंड और छत्तीसगढ़ में पारा शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में अंतर बताया गया है. ऐसे में छत्तीसगढ़ की तर्ज पर झारखंड में पारा शिक्षकों का स्थायीकरण का मामला फंस सकता है. रिपोर्ट में किसी भी राज्य की नियुक्ति प्रक्रिया झारखंड के पारा शिक्षकों की नियुक्ति के समतुल्य नहीं है. इस रिपोर्ट पर अंतिम निर्णय शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा ली जायेगी.
राज्यों में नियुक्ति में आरक्षण का है प्रावधान
छत्तीसगढ़ की पूरी नियुक्ति प्रक्रिया विज्ञापन निकाल कर की गयी है. मध्यप्रदेश में व्यापमं से नियुक्ति हुई है. उत्तर प्रदेश में पारा शिक्षकों को 10 हजार मानदेय मिलता है, वह भी 11 माह के लिए. झारखंड में 12 हजार मानदेय दिया जाता है. झारखंड को छोड़ हर राज्य में नियुक्ति में आरक्षण का प्रावधान किया गया था. झारखंड में नियुक्ति ग्राम शिक्षा समिति के माध्यम से हुई थी. इसमें आरक्षण का पालन नहीं किया गया.
छत्तीसगढ़ में दो तरह से होती है नियुक्ति
छत्तीसगढ़ में दो तरह से शिक्षकों की नियुक्ति होती है. एक तो सरकार सीधे शिक्षकों की नियुक्ति करती है, तो दूसरी ओर पंचायत स्तर पर भी नियुक्ति होती है.
पंचायत स्तर पर विज्ञापन जारी कर नियुक्ति की जाती है. छत्तीसगढ़ में यह नियमावली साल 2004 से प्रभावी है. वहीं, उत्तर प्रदेश में 2017 में पारा शिक्षकों को वेतनमान दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के आदेश को निरस्त कर दिया.

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