रांची : सलामी देने पहुंचे पुलिसकर्मी, लेकिन आदेश नहीं मिलने से नहीं मिल सका राजकीय सम्मान

रांची : झारखंड के आंदोलनकारी और झारखंड पार्टी के अग्रणी नेता लाल रणविजय नाथ शाहदेव का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ नहीं किया जा सका. हालांकि पुलिस लाइन से आंदोलनकारी को गार्ड ऑफ ऑनर देने के लिए पुलिसकर्मी हरमू मुक्ति धाम पहुंचे थे, लेकिन पुलिस बल को गार्ड ऑफ ऑनर देने का आदेश नहीं […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 19, 2019 8:18 AM
रांची : झारखंड के आंदोलनकारी और झारखंड पार्टी के अग्रणी नेता लाल रणविजय नाथ शाहदेव का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ नहीं किया जा सका.
हालांकि पुलिस लाइन से आंदोलनकारी को गार्ड ऑफ ऑनर देने के लिए पुलिसकर्मी हरमू मुक्ति धाम पहुंचे थे, लेकिन पुलिस बल को गार्ड ऑफ ऑनर देने का आदेश नहीं मिल पाया़ मुक्ति धाम में शव रख कर लोग संबंधित विभाग के आदेश का इंतजार करते रहे, लेकिन आदेश नहीं आया. अंत में लाल रणविजय नाथ शाहदेव की अंत्येष्टि कर दी गयी़
मंत्री सीपी सिंह ने आंदोलनकारी स्व शाहदेव को राजकीय सम्मान दिये जाने की पहल की थी. वे स्व शाहदेव के घर पहुंचे थे. उन्होंने मुख्यमंत्री रघुवर दास से भी बात की़ इसके बाद उपायुक्त को राजकीय सम्मान देने संबंधी प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया गया़
खुद मंत्री श्री सिंह ने उपायुक्त, एसएसपी, कार्मिक सचिव केके खंडेलवाल, गृह सचिव एसकेजी रहाटे से बात की़ अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में आचार संहिता लागू है़ आयोग से आदेश लेना होगा, लेकिन संबंधित विभाग की ओर से फाइल तैयार नहीं हुई़ सब कुछ मौखिक ही चलता रहा़ अंत्येष्टि में देर होता देख अंतिम संस्कार की कार्रवाई की गयी. इस मामले में सिटी एसपी सुजाता वीणापाणि से बात की गयी, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है.
एनइ होरो को भी नहीं मिल पाया था सम्मान
झारखंड पार्टी के संस्थापक व राज्य के दिग्गज आंदोलनकारी एनइ होरो को भी राजकीय सम्मान नहीं मिल पाया था़ उस वक्त भी समय पर राजकीय सम्मान की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी थी़
राजकीय सम्मान को लेकर मैंने अधिकारियों से बात की थी़ संबंधित अधिकारियों को सरकार की ओर से निर्देश भी दिया गया था, लेकिन समय पर कार्रवाई पूरी नहीं हुई. आचार संहिता का भी मामला सामने आया. हमारी ओर से भरसक प्रयास किया गया.
सीपी सिंह, नगर विकास सह परिवहन मंत्री
सीपी सिंह ने राजकीय सम्मान के लिए की थी पहल, सीएम व अधिकारियों से बात की थी
आचार संहिता का हवाला दिया अधिकारियों ने, अनुमति लेने की प्रक्रिया में निकल गया समय
हरमू मुक्तिधाम पहुंच गये थे पुलिसकर्मी, आदेश का इंतजार करते रहे और फिर लौट गये

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