रांची : दुमका में कॉमर्शियल पायलट ट्रेनिंग सेंटर का रास्ता साफ

रांची : सरकार ने सितंबर 2008 में दुमका में व्यावसायिक पायलट प्रशिक्षण केंद्र खोलने का फैसला किया था. इसके लिए फरवरी 2019 में पीपीपी मोड पर प्रशिक्षण केंद्र खोलने के लिए आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटड का चयन किया गया है. साथ ही कंपनी के साथ किये जानेवाले एकरारनामे पर सहमति दी है. प्रशिक्षण के लिए […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 4, 2019 8:55 AM
रांची : सरकार ने सितंबर 2008 में दुमका में व्यावसायिक पायलट प्रशिक्षण केंद्र खोलने का फैसला किया था. इसके लिए फरवरी 2019 में पीपीपी मोड पर प्रशिक्षण केंद्र खोलने के लिए आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटड का चयन किया गया है. साथ ही कंपनी के साथ किये जानेवाले एकरारनामे पर सहमति दी है. प्रशिक्षण के लिए फीस का निर्धारण सरकार की सहमति से की जायेगी. प्रशिक्षण केंद्र खोलने का उद्देश्य राज्य के युवाओं को एविएशन के क्षेत्र में रोजगार देना है.
पायलट प्रशिक्षण केंद्र खोलने के लिए तीन जेलीन(फोर सीटर) खरीदा गया. साथ ही 11.59 करोड़ रुपये से दुमका हवाई अड्डे को विकसित किया गया.
इसमें प्रशासनिक भवन, छात्रावास सहित अन्य जरूरी भवनों का निर्माण किया गया. हालांकि लंबे समय तक व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए जेलीन विमानों का इस्तेमाल नहीं किया जा सका. बाद में सरकार के पास मौजूद ग्लाइडर के सहारे आउटसोर्सिंग के तहत ग्लाइडर पायलट लाइसेंस का कार्यक्रम शुरू किया गया.
इसके तहत छह माह के प्रशिक्षण के दौरान लैंडिंग और टेकऑफ और उड़ान के लिए 133.17 घंटे का प्रशिक्षण दिया गया. दुमका में शुरू किये गये इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत अब तक प्रशिक्षण पूरा करनेवाले छह लोगों को डायरेक्टर जेनरल ऑफ सिविल एविएशन(डीजीसीए) ने ग्लाइडर पायलट लाइसेंस जारी किया है. सरकार ने दुमका में प्रशिक्षण केंद्र शुरू करने के लिए फरवरी 2018 में टेंडर निकाला. इसमें आर्यन एविएशन, मेसर्स प्रेम एयर और मेसर्स अहमदाबाद एविएशन ने हिस्सा लिया.
पीपीपी मोड पर खोले जानेवाले इस प्रशिक्षण केंद्र के लिए दुमका हवाई पट्टी सहित अन्य संरचनाओं के इस्तेमाल के बदले सरकार को सबसे ज्यादा 66 लाख रुपये सालाना देने का प्रस्ताव आर्यन एविएशन ने दिया. इसलिए सरकार ने इस कंपनी का चयन व्यावसायिक पायलट प्रशिक्षण केंद्र खोलने के लिए चुना है. आर्यन एविएशन द्वारा व्यावसायिक पायलट लाइसेंस के लिए प्रशिक्षण दिया जायेगा. प्रशिक्षण केंद्र में 50 प्रतिशत कर्मचारियों और इंजीनियरों आदि की नियुक्ति राज्य सरकार की अनुमति के बाद की जायेगी. प्रशिक्षण में इस्तेमाल की जानेवाली सरकारी संपत्ति जैसे जेलीन विमान, भवन आदि के रखरखाव की जिम्मेदारी आर्यन एविएशन की होगी.

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