झारखंड के उद्योग-धंधे बंद होने के कगार पर: चेंबर

रांची : झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (जेएसइआरसी) की हठधर्मिता के कारण झारखंड के उद्योग-धंधे बंद होने के कगार पर आ गये हैं. नियामक आयोग का गठन उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए किया गया है, लेकिन यहां उल्टा हो रहा है. आयोग जेबीवीएनएल की अकर्मण्यता को पूरी तरह नजरअंदाज करता है. बिजली दर बढ़ाने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 3, 2019 9:22 AM
रांची : झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (जेएसइआरसी) की हठधर्मिता के कारण झारखंड के उद्योग-धंधे बंद होने के कगार पर आ गये हैं. नियामक आयोग का गठन उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए किया गया है, लेकिन यहां उल्टा हो रहा है. आयोग जेबीवीएनएल की अकर्मण्यता को पूरी तरह नजरअंदाज करता है. बिजली दर बढ़ाने के कारण सात कंपनियों ने बिजली कनेक्शन काटने का आवेदन दिया है. उक्त बातें झारखंड चेंबर के अध्यक्ष दीपक कुमार मारू ने शनिवार को चेंबर भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कही.
हमारे टैक्स के पैसा से सब्सिडी : दीपक मारू ने कहा कि सरकार हमारे टैक्स के पैसा से सब्सिडी दे रही है. इन पैसों का उपयोग आधारभूत संरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य में हो सकता है. बिजली दर बढ़ा कर जेबीवीएनएल के घाटे को पूरा किया जा रहा है. जेबीवीएनएल अपने द्वारा बेची गयी बिजली का पूरा पैसा वसूल कर ले, तो किसी की दर बढ़ाने की नौबत ही नहीं आती. वहीं जुस्को कम दर में गुणवत्तापूर्ण बिजली उपलब्ध करा रही है और मुनाफे में भी है. बिजली व्यवस्था को प्रोफेशनल हाथों में दिया जाये.
जेबीवीएनएल के लिए काम कर रहा आयोग : इंडस्ट्री सब कमिटी के चेयरमैन अजय भंडारी ने कहा कि आयोग जेबीवीएनएल के लिए काम कर रहा है.
इसका असर यह होगा कि नयी इंडस्ट्री यहां आना नहीं चाहेगी. हमलोग छला हुआ महसूस कर रहे हैं. बिनोद तुलस्यान ने कहा कि बिजली में कंपीटीशन लाने की जरूरत है. जेएसइआरसी उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा नहीं कर पा रहा है. मौके पर जेसिया के मानद सचिव अंजय पचेरीवाला, ओपी अग्रवाल आदि उपस्थित थे.

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