भाजपा की मजबूत सरकार ने देश को अस्थिर व कमजोर किया, रांची में बोले माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य

रांची : माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि देश की मजबूत सरकार ने देश को कमजोर और अस्थिर किया है. इस सरकार का आगे जारी रहना देश हित में नहीं है. इसलिए एक गठबंधन बनाने का प्रयास हो रहा है. इसका नेता बाद में चुना जायेगा. कुछ दल चुनाव के बाद भी इस […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 16, 2019 10:57 AM

रांची : माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि देश की मजबूत सरकार ने देश को कमजोर और अस्थिर किया है. इस सरकार का आगे जारी रहना देश हित में नहीं है. इसलिए एक गठबंधन बनाने का प्रयास हो रहा है. इसका नेता बाद में चुना जायेगा. कुछ दल चुनाव के बाद भी इस गठबंधन में शामिल होंगे.

श्री भट्टाचार्य मंगलवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में बोल रहे थे. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि चुनावी साल शुरू हो गया है. इसकी शुरुआत में जनता और मोदी का अंतरविरोध दिखा है. यह आगे भी जारी रहेगा. जनता मोदी सरकार की हर नीति को खारिज करेगी. आठ और नौ की हड़ताल में जनता ने इसे दिखाया है.

उन्होंने कहा कि आरक्षण का आधार सामाजिक होता था. इसे आर्थिक किया जा रहा है. आठ लाख रुपये कमाने अगर गरीब हैं, तो 2.5 लाख कमाने वालों पर इनकम टैक्स क्यों लगाया जा रहा है.

कोडरमा से हर हाल में चुनाव लड़ेगा माले

श्री भट्टाचार्य ने कहा कि माले पिछले लोकसभा चुनाव में कोडरमा संसदीय सीट से दूसरे स्थान पर था. इस बार भी वहां पार्टी की स्वाभाविक दावेदारी है. पार्टी कोशिश करेगी कि अन्य विपक्षी दल भी सहयोग करे. वैसे वामदलों में सीटों को लेकर लगभग सहमति बन गयी है. पार्टी चाहती है कि बिहार, झारखंड और यूपी में विपक्ष का मजबूत गठबंधन हो. केंद्र में सत्ता का रास्ता यहीं से होकर जाता है.

महेंद्र सिंह की शहादत का 15वां साल आज

माले के पूर्व विधायक महेंद्र सिंह के शहादत दिवस का 15वां साल बुधवार को है. हर जिले में इस मौके पर संकल्प दिवस का आयोजन हो रहा है. मुख्य समारोह का आयोजन बगोदर में हो रहा है. माले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने कहा है कि इस समारोह में पार्टी के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य भी हिस्सा ले रहे हैं. महेंद्र सिंह के शहादत दिवस के 15वें साल पर भी उनकी हत्या का खुलासा नहीं हो पाया है. यह एक राजनीतिक हत्या थी. हत्या क्यों और किसने की, यह सवाल जनता के बीच आज भी है.

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