रांची : जलछाजन में गड़बड़ी के आरोप में अमरेश झा पर एक और प्राथमिकी

मनोज सिंह रांची : कृषि सेवा के अधिकारी अमरेश झा पर पोटका, जमशेदपुर की जलछाजन योजना में गड़बड़ी करने के एक मामले में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. पूर्वी सिंहभूम के उप विकास आयुक्त के आदेश के बाद जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी ने इस मामले में कोतवाली थाने में प्राथमिकी (03/2019) दर्ज करायी है. यह […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 16, 2019 8:36 AM
मनोज सिंह
रांची : कृषि सेवा के अधिकारी अमरेश झा पर पोटका, जमशेदपुर की जलछाजन योजना में गड़बड़ी करने के एक मामले में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. पूर्वी सिंहभूम के उप विकास आयुक्त के आदेश के बाद जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी ने इस मामले में कोतवाली थाने में प्राथमिकी (03/2019) दर्ज करायी है. यह मामला वर्ष 2010-11 का है. गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद इसकी जांच करायी गयी थी. जांच रिपोर्ट मिलने के बाद झारखंड राज्य जलछाजन मिशन के प्रशासी पदाधिकारी रतन कुमार गुप्ता ने डीडीसी से कार्रवाई की अनुशंसा की थी.
श्री झा से राशि वसूली, राशि वसूली नहीं होने पर सर्टिफिकेट केस तथा उसकी नियमित मॉनिटरिंग की अनुशंसा भी की गयी है. उन पर विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू करने को कहा गया है. इसमें निलंबन के साथ-साथ सरकारी राशि गबन मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का भी आग्रह किया गया है.
क्या है मामला : जमशेदपुर के पोटका प्रखंड में इंटीग्रेटेड वाटरशेड मैनेजमेंट प्रोग्राम के तहत 2010-11 में एक कार्यक्रम चल रहा था. इसके तहत प्रखंड के हेसाग, रसुनबांधा, जुड़ी, हल्दीपोखर आदि प्रखंडों में कुल सात जलछाजन समितियों का गठन किया गया था. इस स्कीम के संचालन के लिए तत्कालीन जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी श्री झा ने कुल एक करोड़ 17 लाख रुपये समितियों के बैंक खाते में डाला था.
श्री झा ने इसमें से करीब एक लाख 60 हजार रुपये अनुबंधकर्मी और जलछाजन कर्मियों के साथ मिलकर निकाल लिये. श्री झा पर यह भी आरोप है कि परियोजना से संबंधित अभिलेख उन्होंने स्वयं अपने पास रख लिया था. इस परियोजना में श्री झा ने नौ लाख छह हजार रुपये सेल्फ विद्ड्रावल से निकाला था. इसका बिल वाउचर कार्यालय में नहीं है.
अभी जेल में हैं अमरेश झा
अमरेश झा सरायकेला-खरसावां में जलछाजन की ही एक योजना में गड़बड़ी करने के मामले में जेल में बंद हैं. यह परियोजना 2009-10 की है. इस मामले में 2018 में वहां के वन प्रमंडल पदाधिकारी ए एक्का ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी.

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