झारखंड विधानसभा : विधानसभा की कार्यवाही कल 11 बजे तक के लिए स्थगित

रांची: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे भी सदन में जमकर हंगामा हुआ और अंतत: कार्यवाही को कल 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.आज कार्यवाही शुरू होने के बाद विपक्ष ने पारा टीचर का मुद्दा जोर-शोर से उठाया. हंगामा होता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 12:30 बजे तक के लिए […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 26, 2018 12:22 PM

रांची: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे भी सदन में जमकर हंगामा हुआ और अंतत: कार्यवाही को कल 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.आज कार्यवाही शुरू होने के बाद विपक्ष ने पारा टीचर का मुद्दा जोर-शोर से उठाया. हंगामा होता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 12:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. जब विधानसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हुई तो विपक्षी विधायक फिर से हंगामा करने लगे. हंगामा थमता नहीं देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 02.00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. इससे पहले बुधवार को झामुमो, कांग्रेस, मासस विधायक सहित झाविमो के प्रदीप यादव, बसपा के कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने पारा टीचर मामले को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव दिया जिसे स्पीपकर ने अमान्य कर दिया.

सत्र के दूसरे दिन भी पारा टीचर मुद्दे को लेकर विपक्षी विधायकों ने सदन के अंदर और बाहर प्रदर्शन किया. यहां चर्चा कर दें कि विपक्ष के विधायक पारा शिक्षकों की मांग को समर्थन दे रहे हैं और मामले को लेकर सरकार को घेरने का प्रयास कर रहे हैं.

बुधवार को झारखंड विधानसभा की कार्यवाही प्रारंभ होने पर सदन में विपक्ष के नेता झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन ने पारा शिक्षकों का मुद्दा उठाया और अपनी पार्टी की ओर से लाये गये कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग की. कांग्रेस के आलमगीर आलम और झारखंड विकास मोर्चा के प्रदीप यादव ने भी अपने अपने कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की.

सत्ता पक्ष के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने भाजपा की ओर से इस मुद्दे पर दिये गये ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर विशेष चर्चा कराये जाने की मांग की. विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने विपक्ष के कार्यस्थगन प्रस्तावों को अमान्य कर दिया. तब विपक्षी विधायक अध्यक्ष के आसन के सामने आ कर नारेबाजी करने लगे.

हंगामे के कारण उरांव ने करीब साढ़े ग्यारह बजे सदन की बैठक एक घंटे के लिए स्थगित कर दी. दोपहर साढ़़े बारह बजे बैठक शुरू होने पर सदन में फिर इसी मुद्दे पर हंगामा होने लगा. झामुमो विधायक अध्यक्ष के आसन के सामने आ कर नारेबाजी करने लगे. सत्ता पक्ष की ओर से विधायक विरंची नारायण एवं अनंत ओझा ने झामुमो का विरोध करते हुए कहा कि किसी भी पार्टी को सदन में व्यवधान डालने की अनुमति नहीं दी जा सकती.

उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से कार्यवाही चलने देने का अनुरोध किया ताकि विधायक अपने इलाकों की समस्याएं सदन में रख सकें और उनका समाधान किया जा सके. जब अध्यक्ष ने पारा शिक्षकों के मुद्दे पर सत्ता पक्ष के विधायकों की ओर से पेश ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर सदन में विशेष चर्चा कराने की घोषणा की तो विपक्ष अपने कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने की जिद पर अड़ गया. एक बार फिर हंगामा होने लगा। हंगामे के बीच ही विधानसभा अध्यक्ष ने आवश्यक विधायी कार्य संपन्न कराए और बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

पारा टीचर मामले को लेकर जारी हंगामे के बीच नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि अपने हक़-अधिकार के आंदोलन के इस बेदी में न जाने कितने पारा शिक्षकों ने अपनी आहुति दे दी मगर इस क्रूर रघुवर दास सरकार का झारखण्डी शिक्षकों से कोई सरोकार नहीं है। इन्हें तो भर्तियां भी यहां बाहरी शिक्षकों की करनी है. इस निर्लज सरकार को जवाब देना ही होगा!

Next Article

Exit mobile version