रांची : रबी कार्यशाला में बोले कृषि मंत्री, फसल बीमा नहीं कराने पर भी मिलेगा मुआवजा

रांची : कृषि मंत्री रणधीर कुमार सिंह ने घोषणा की है कि जिन किसानों ने खरीफ में फसल बीमा नहीं कराया था, सूखा के कारण सरकार उनको भी मुआवजा देगी. जहां वर्षा अाधारित खेती (रेनफेड) होती है, वहां के किसानों को प्रति हेक्टेयर 6800 रुपये तथा सिंचित इलाकों में 13500 रुपये मुआवजा के रूप में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 12, 2018 7:53 AM
रांची : कृषि मंत्री रणधीर कुमार सिंह ने घोषणा की है कि जिन किसानों ने खरीफ में फसल बीमा नहीं कराया था, सूखा के कारण सरकार उनको भी मुआवजा देगी. जहां वर्षा अाधारित खेती (रेनफेड) होती है, वहां के किसानों को प्रति हेक्टेयर 6800 रुपये तथा सिंचित इलाकों में 13500 रुपये मुआवजा के रूप में दिया जायेगा. सिंह मंगलवार को गव्य विकास विभाग के सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय रबी कार्यशाला में बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि बीमा कराने वाली कंपनियों को निर्देश दिया है कि किसानों के क्लेम के 45 दिनों के बाद राशि उनके एकाउंट में चला जाना चाहिए. ऐसा नहीं हुआ तो बीमा करने वाली कंपनियों पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
खरीफ के बीमा का पूरा क्लेम आजतक नहीं मिला है. यह घोर लापरवाही है. सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों को कैम्प लगाकर पंप सेट का वितरण करें.
सिंह ने कहा कि राज्य चुनौतीपूर्ण स्थिति खड़ा है. सुखाड़ का दंश किसान झेल रहे हैं. एेसे में विभाग की जिम्मेदारी और बढ़ गयी है. इस चुनौती को अवसर में बदलने का समय है. इसके लिए किसानों को कुछ बीज शत प्रतिशत और कुछ 90 फीसदी अनुदान पर दिया जायेगा. जिन किसानों को 50 फीसदी अनुदान पर बीच मिल चुका है, उनको भी 40 फीसदी राशि खाते में भेज दी जायेगी. रबी में करीब 93325 क्विंटल बीज बांटा जायेगा.
विवि और विभाग में तालमेल बढ़ाने की जरूरत
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पी कौशल ने कहा कि किसानों के हित के लिए सब प्रयास कर रहे हैं, लेकिन तालमेल की कमी रह जा रही है. इसके लिए विभाग और विश्वविद्यालय में तालमेल बनाने की जरूरत है. विश्वविद्यालय ने विभाग के आग्रह के बाद बीज तैयार किये थे, वह उच्च स्तरीय अधिकारियों के प्रयास के बावजूद खरीदे नहीं जासके. इसके लिए मिल बैठ कर प्रयास किया जाना चाहिए.
किसानों को उपलब्ध करायें हर संभव सहयोग
कृषि निदेशक रमेश घोलप ने कहा कि अभी किसानों के लिए अनुकूल स्थिति नहीं है. करीब 129 प्रखंड सूखे हैं. इसको भारत सरकार की टीम ने भी माना है. टीम ने राज्य सरकार के कृषि विभाग की रिपोर्ट की पुष्टि की है. एग्रो समिट के आयोजन की व्यस्तता के बीच कृषि अधिकारियों ने सूखे की रिपोर्ट तैयार की थी. अधिकारियों का यह सराहनीय प्रयास रहा.
इस बार संताल से किसानों का समूह इजरायल जायेगा. इसमें महिलाओं की संख्या अधिक होगी. संचालन मुकेश सिन्हा व धन्यवाद ज्ञापन एफएन त्रिपाठी ने किया. इसमें सभी जिलों के कृषि पदाधिकारी, भूमि संरक्षण पदाधिकारी, सहकारिता पदाधिकारी व उद्यान पदाधिकारी भी मौजूद थे.

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