धालभूमगढ़ : सबर की मौत, घर में नहीं था अनाज

धालभूमगढ़ : धालभूमगढ़ प्रखंड की कानास पंचायत के छौड़िया गांव में विलुप्तप्राय आदिम जनजाति के चाम्टू सबर (45) की 16 सितंबर की सुबह मौत हो गयी. उसके जर्जर इंदिरा आवास में चार-पांच दिनों से अनाज नहीं था. प्रथमदृष्टया इसे भूख से मौत का मामला माना जा रहा है. हालांकि बीडीओ शालिनी खलको दावा है कि […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 19, 2018 1:27 AM
धालभूमगढ़ : धालभूमगढ़ प्रखंड की कानास पंचायत के छौड़िया गांव में विलुप्तप्राय आदिम जनजाति के चाम्टू सबर (45) की 16 सितंबर की सुबह मौत हो गयी. उसके जर्जर इंदिरा आवास में चार-पांच दिनों से अनाज नहीं था. प्रथमदृष्टया इसे भूख से मौत का मामला माना जा रहा है. हालांकि बीडीओ शालिनी खलको दावा है कि चाम्टू की मौत भूख से नहीं टीबी से हुई है.
चाम्टू की मां काड़ी सबर, पत्नी सुकुलमनी सबर, नाबालिग पुत्र भुटान सबर और छुटु सबर ने बताया कि उसके पिता के नाम से राशन गार्ड निर्गत नहीं था. नि:शुल्क खाद्यान्न (पीटीजी) भी नहीं मिलता था. चाम्टी सबर को टीबी से ग्रसित होने की बात सामने आयी है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से उसका टीबी का पहचान पत्र निर्गत हुआ था.

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