रांची : स्वामी अग्निवेश पर हमले के मामले में विपक्षी हुए गोलबंद

पाकुड़ में भाजयुमो कार्यकर्ताओं द्वारा स्वामी अग्निवेश पर किये गये हमले के बाद विपक्षी दलों के साथ-साथ विभिन्न संगठनों ने इस घटना की निंदा करते हुए सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है. जगह-जगह मार्च निकाल कर भाजपा सरकार का पुतला दहन किया गया़ नारेबाजी की गयी़ कांग्रेस, माकपा, भाकपा सहित इप्टा व अन्य संगठनों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 19, 2018 7:45 AM

पाकुड़ में भाजयुमो कार्यकर्ताओं द्वारा स्वामी अग्निवेश पर किये गये हमले के बाद विपक्षी दलों के साथ-साथ विभिन्न संगठनों ने इस घटना की निंदा करते हुए सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है.

जगह-जगह मार्च निकाल कर भाजपा सरकार का पुतला दहन किया गया़ नारेबाजी की गयी़ कांग्रेस, माकपा, भाकपा सहित इप्टा व अन्य संगठनों ने कहा कि भाजयुमो द्वारा इस घटना को साजिश के तहत अंजाम िदया गया है़ क्योंकि 24 घंटे से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी आरोपियों को नहीं पकड़ा गया है जबकि भाजयुमो जिला अध्यक्ष प्रसन्न मिश्र ने नक्सलियों की तर्ज पर जवाबदेही भी ली है़

रांची : स्वामी अग्निवेश पर किये गये हमले के खिलाफ बुधवार को भाकपा माले, माकपा, भाकपा एआइपीएफ एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाला और मुख्यमंत्री का पुतला फूंका.

वक्ताओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार को जारी निर्देश के बावजूद संघ गिरोह द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश पर हमला न्यायालय के आदेशों की अवमानना है. मौके पर माकपा के प्रफुल्ल लिंडा, सुखनाथ लोहरा, अजय सिंह, सुशांतो मुखर्जी, बशीर अहमद, नादिम खान, सुषमा मेहता ,अजबलाल सिंह , शांति सेन , एनामुल हक, अनिल एक्का, प्रकाश तिर्की, सिराज अंसारी आदि मौजूद थे.

स्वामी पर हमला करनेवाले गिरफ्तार हों : माकपा के राज्य सचिव गोपीकांत बख्शी ने घटना की निंदा करते हुए कहा है कि स्वामी अग्निवेश पर हमला करनेवाले लोगों को गिरफ्तार करना चाहिए. स्वामी को भाजपा संरक्षित गुंडों ने पीटा है. इसकी जितनी निंदा की जाये, कम है. मुख्यमंत्री ने जांच कराने की घोषणा कर महज छलावा किया है. यह दिखावा मात्र है.

स्वामी अग्निवेश पर हमला निंदनीय व गंभीर : मुसलिम यूथ लीग, झारखंड प्रदेश ने स्वामी पर हमले की निंदा की है. प्रदेश अध्यक्ष इरफान खान व प्रदेश महासचिव अकबर अली ने कहा कि अग्निवेश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त शख्सियत है़ं उन पर विहिप व भाजपा नेताओं द्वारा जानलेवा हमला करना निंदनीय और गंभीर मामला है.

इप्टा ने हमले की निंदा की : इप्टा के सचिव ललित आदित्य ने कहा है कि पिछले कुछ वर्षों से धर्म, जाति व समुदायों को बांटने का काम किया जा रहा है.

पाकुड़ में स्वामी अग्निवेश पर हुए हमले को इसी कड़ी से जोड़ कर देखा जाना चाहिए. आज हमारे देश में बोलने पर पाबंदी है. विचारों को प्रकट करने वालों पर हमले हो रहे हैं. उन्होंने दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है.

स्वामी पर हमला सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना : भाकपा के पूर्व राज्य सचिव केडी सिंह ने कहा है कि स्वामी अग्निवेश पर हमला सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अवमानना है.

ताज्जुब यह है कि भाजयुमो जिला अध्यक्ष प्रसन्न मिश्र ने नक्सलियों की तर्ज पर जवाबदेही भी ली है. इससे लगता है कि नक्सल और भाजपा के आनुषांगिक इकाइयों में फर्क नहीं है. अगर सरकार के पास राजधर्म बचा है, तो राज्य में भाजयुमो, आरएसएस, बजरंग दल के खिलाफ ऑपरेशन ग्रीनहंट चलाये.

इधर आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक डॉ सुमन ने कहा

अलगाववाद का आधुनिक चेहरा हैं अग्निवेश

रांची : अारएसएस के वरिष्ठ प्रचारक व हिंदू जागरण मंच के क्षेत्रीय संगठन मंत्री डॉ सुमन कुमार ने पाकुड़ में स्वामी अग्निवेश के कार्यक्रम पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वे अलगाववाद व नक्सलवाद का आधुनिक चेहरा हैं. स्वामी अग्निवेश का झारखंड आना कोई सामान्य घटना नहीं है.

शांत व स्थिर झारखंड में अलगाववाद को हवा देने और शहरी नक्सली आंदोलन को धार देने के लिए अग्निवेश को साजिश के तहत बुलाया गया था. एक साजिश के तहत पाकुड़ को चयनित करके पत्थलगड़ी आंदोलन को संताल में जमीन तलाशने की कोशिश थी. अग्निवेश पूरी तरह नास्तिक, धर्म विरोधी, हिंदू विरोधी व नक्सल समर्थक हैं.

2011 में छत्तीसगढ़ सरकार ने खुफिया विभाग को अग्निवेश की गतिविधियों पर नजर रखने का आदेश दिया था. दंतेवाड़ा में नक्सलियों से गुपचुप मिलना, भारतीय सेना के खिलाफ भड़काऊ बयान देना और नक्सलियों का हौसला बढ़ाने जैसे कई कार्यों से अग्निवेश का जीवन भरा पड़ा है.

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