डोरंडा कोषागार निकासी मामला : 184 करोड़ की फर्जी निकासी में फैसला आना अभी बाकी

रांची : चारा घोटाले से जुड़े मामलों में जैसे-जैसे कोर्ट का फैसला आते जा रहा है,वैसे-वैसे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. झारखंड में चारा घोटाले से जुड़ा पांच मामले हैं. अभी तक चार मामलों में अदालत का फैसला आया है. अभी डोरंडा कोषागार से 184 करोड़ रुपये के फर्जी निकासी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 25, 2018 7:25 AM

रांची : चारा घोटाले से जुड़े मामलों में जैसे-जैसे कोर्ट का फैसला आते जा रहा है,वैसे-वैसे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. झारखंड में चारा घोटाले से जुड़ा पांच मामले हैं. अभी तक चार मामलों में अदालत का फैसला आया है. अभी डोरंडा कोषागार से 184 करोड़ रुपये के फर्जी निकासी मामले में अभी फैसला आना बाकी है. इस मामले में सौ से अधिक गवाहों की गवाही होनी है. लिहाजा उसमें कुछ समय लग सकता है. फिलवक्त इस मामले में कोर्ट में सीबीआइ की ओर से गवाही करायी जा रही है.

चाईबासा कोषागार से जुड़े आरसी 20/96 और आरसी 68ए/96, देवघर कोषागार से जुड़े आरसी 64ए/96 और दुमका कोषागार से जुड़े आरसी 38ए/96 में कोर्ट का फैसला आ चुका है. देवघर मामले में कोर्ट ने लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल की सजा सुनायी थी. जबकि चाईबासा के दोनों मामलों में कोर्ट ने पांच साल की सजा दी थी. वहीं दुमका कोषागार मामले में अब तक की अधिकतम सजा 14 साल और 60 लाख रुपये आर्थिक दंड की सजा सुनायी गयी है.

देवघर कोषागार से जुड़े चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव को जहां साढ़े तीन वर्ष की कैद एवं दस लाख जुर्माने की सजा सुनायी गयी, वहीं उनके दो पूर्व सहयोगी लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश शर्मा को सात वर्ष की कैद एवं बीस लाख रुपये जुर्माना एवं बिहार के पूर्व मंत्री आरके राणा को साढ़े तीन वर्ष की कैद एवं दस लाख रुपये जुर्माने की सजा सीबीआइ की विशेष अदालत ने सुनायी थी. चाईबासा कोषागार से 37 करोड़ 70 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में लालू और जगन्नाथ मिश्रा को 30 सितंबर, 2013 को दोषी ठहराये जाने के बाद तीन अक्तूबर को सजा सुनायी गयी थी. लालू को पांच वर्ष और मिश्रा को चार वर्ष कैद की सजा सुनायी थी.