सरयू राय ने रघुवर दास सरकार के इस काम को बताया सबसे बड़ी भूल

जमशेदपुर : सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन करना और उसके लिए अध्यादेश लाना सरकार की सबसे बड़ी भूल थी. यह बातें खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहीं. श्री राय बिष्टुपुर स्थित आवास पर प्रभात खबर से बातचीत कर रहे थे. श्री राय ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन करने और अध्यादेश लाने से समाज […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 10, 2018 6:28 AM

जमशेदपुर : सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन करना और उसके लिए अध्यादेश लाना सरकार की सबसे बड़ी भूल थी. यह बातें खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहीं. श्री राय बिष्टुपुर स्थित आवास पर प्रभात खबर से बातचीत कर रहे थे. श्री राय ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन करने और अध्यादेश लाने से समाज में परस्पर अविश्वास की भावना पैदा हुई, तनाव की स्थिति पैदा हुई. विधानसभा का पूरा एक साल इसी की भेंट चढ़ गया, विधानसभा की कार्यवाही बाधित रही. बाद में भारत सरकार की टिप्पणी के बाद राज्यपाल ने इस संशोधन को वापस कर दिया. इससे सरकार और पार्टी की छवि खराब हुई.

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निजी अवधारणा समाज पर थोपना गलत :
मंत्री सरयू राय ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन जैसे मामलों में समाज के भीतर सर्वानुमति बनाने की कोशिश होनी चाहिए. समाज के जिस वर्ग के से ऐसे विषय संबंधित होते हैं, उस वर्ग की भावना को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. श्री राय ने कहा कि विकास की निजी अवधारणा को संबंधित समाज की प्राथमिकताओं पर थोपना व्यवहारिक कदम नहीं होता है. समाज के किसी वर्ग को पसंद नहीं आनेवाले और उस वर्ग के भीतर हलचल पैदा करनेवाले फैसलों के संबंध में सरकार को गहन विचार करना चाहिए.

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समस्याओं का किया गया था सतही आकलन : श्री राय ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट को लेकर गंभीर बातें कहीं. उन्होंने कहा कि समस्या का सतही आकलन करने वाले अपने विचार को समाज के सभी वर्ग पर थोपने वाली मानसिकता से ग्रस्त सलाह समाज का दूरगामी नुकसान करती है. उन्होंने कहा कि एक सरकार अधिकतम पांच साल के लिए बनती है जबकि समाज अनंतकाल तक चलता है. इस कारण समाज से परस्पर सहअस्तित्व परस्पर अनुकूलता का वातावरण कायम करने वाले राजनीतिक फैसले किया जाना जरूरी है. खासकर झारखंड जैसे राज्य के लिए यह अत्यंत जरूरी है.

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