सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क है जापानी इंसेफलाइटिस का टीका

रांची : सरकार ने नयी बीमारियों से बचाव के लिए सरकारी अस्पतालों में नियमित टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध करा रखी है. इसमें जापानी इंसेफलाइटिस (जेई) से बचाव का टीका भी शामिल किया जा चुका है. जानकारी और जागरूकता के अभाव में ज्यादातर अभिभावक अपने जेई का टीका लगवाने के लिए अपने बच्चों को निजी अस्पतालों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 13, 2017 8:09 AM
रांची : सरकार ने नयी बीमारियों से बचाव के लिए सरकारी अस्पतालों में नियमित टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध करा रखी है. इसमें जापानी इंसेफलाइटिस (जेई) से बचाव का टीका भी शामिल किया जा चुका है. जानकारी और जागरूकता के अभाव में ज्यादातर अभिभावक अपने जेई का टीका लगवाने के लिए अपने बच्चों को निजी अस्पतालों एवं वैक्सीन सेंटर में ले जाते हैं, जहां उन्हें 1000 से 2000 रुपये खर्च करने पड़ते हैं. इधर, जल्द ही वायरल डायरिया (रोटा वायरस) का टीका भी इस सूची में शामिल कर लिया जायेगा. दिल्ली सहित कुछ राज्याें में यह टीका नियमित टीकाकरण में शामिल हो गया है. उम्मीद है कि वर्ष 2018 के शुरू में झारखंड सरकार भी इसे नियमित टीकाकरण में शामिल कर देगी.
कोल्ड चेन का रखा जाता है पूरा ख्याल : सरकारी अस्पतालों में टीके को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड चेन का पूरा ख्याल रखा जाता है. नामकुम में इसके लिए कोल्ड चेन तैयार किया गया, जिसमें टीके को रखा जाता है. नामकुम से टीका सदर अस्पताल, पीचएसी व सीएचसी भेजा जाता है. रिम्स में भी टीका सदर अस्पताल से आता है. वहां रिम्स टीका केंद्र के कर्मचारी आइस बॉक्स में टीका को लाते हैं और रिम्स में निर्धारित तापमान पर इसे रखते हैं.
झारखंड में जापानी इंसेफलाइटिस से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ गयी थी, जिसके बाद राज्य में नियमित टीकाकरण में इसे शामिल किया गया है. जल्द ही रोटा वायरस का टीका भी राज्य के नियमित टीकाकरण में शामिल ओ जायेगा.
डॉ मिन्नी रानी अखाैरी, शिशु चिकित्सक
जानें कौन-कौन सा टीका कब लें
जन्म के समय: बीसीजी, ओपीवी एवं हेपेटाइटिस-बी डेढ़ माह: ओपीवी-1, रोटावायरस-1, पेंटावेलेन-1,एफआइपीवी-1 ढाई माह: ओपीवी-2, रोटावायरस-2, पेंटावेलेन-2 साढ़े तीन माह: ओपीवी-3, रोटावायरस-3, पेंटावेलेन-3 एवं एफआइपीवी-2 नौ माह: मिजिल्स-1, जेई-1 एवं विटामिन ए-1 16 से 24 माह : मिजिल्स-2, एमआर-2, ओपीवी बूस्टर, जेई-2 एवं डीपीटी-पहला बूस्टर पांच से छह वर्ष: डीपीटी दूसरा बूस्टर Â 10 वर्ष: टीटी-1 16 वर्ष: टीटी-2

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