निर्मल महतो की प्रतिमा के बहाने राजनीति, आजसू- जेएमएम के बीच खींचतान

रांची: निर्मल महतो की प्रतिमा को प्रतीक बनाकर झारखंड मुक्ति मोरचा और ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन अपनी- अपनी राजनीतिक राह आसान बनाने में लगे हैं. निर्मल महतो चौक पर रातोंरात आजसू ने नयी प्रतिमा स्थापित कर दी. सुबह जेएमएम के कार्यकर्ता मूर्ति स्थापित करने पहुंचे जोरदार नारेबाजी हुई खूब हंगामा हुआ लेकिन प्रतिमा स्थापित की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 20, 2017 11:03 AM

रांची: निर्मल महतो की प्रतिमा को प्रतीक बनाकर झारखंड मुक्ति मोरचा और ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन अपनी- अपनी राजनीतिक राह आसान बनाने में लगे हैं. निर्मल महतो चौक पर रातोंरात आजसू ने नयी प्रतिमा स्थापित कर दी. सुबह जेएमएम के कार्यकर्ता मूर्ति स्थापित करने पहुंचे जोरदार नारेबाजी हुई खूब हंगामा हुआ लेकिन प्रतिमा स्थापित की जा चुकी थी. जेएमएम कार्यकर्ता वापस लौट गये. इस पूरे हंगामे ने सवाल खड़ा किया निर्मल हैं किसके?

झारखंड आंदोलनकारी शहीद निर्मल महतो की 13 फीट ऊंची प्रतिमा जेल चौक पर स्थापित करने की तैयारी पहले से की जा रही थी. मूर्ति कई जगह से टूट गयी थी, आजसू ने इसे बदल कर नयी प्रतिमा लगाने की पहल की थी. स्व महतो की प्रतिमा संगमरमर की होगी और जयपुर के कलाकार इसे बना रहे थे. इसके लिए आजसू ने मूर्ति निर्माण कमेटी बना दी थी. कमेटी मूर्ति स्थापित करने और समारोह आयोजित करने की तैयारी में जुट थी.कुछ माह पूर्व से निर्मला महतो की प्रतिमा स्थापित करने के लिए कार्य कर रही थी. नयी प्रतिमा के लिए जेल चौक पर ढलाई से लेकर अन्य कार्य किये जा रहे थे. तभी जेएमएम ने 20 सितंबर को वहां नयी प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा कर दी.
पढ़ें- प्रभात खबर के पूर्व प्रधान संपादक हरिवंश का लेख- निर्मल महतो के हत्यारे

जेएमएम के पार्टी महासचिव विनोद पांडे के हवाले से बताया गया है कि 20 सितंबर को जेल चौक पर निर्मल महतो की प्रतिमा स्थापित की जायेगी. इसके लिए पार्टी ने सभी मंच, मोर्चा के लोगों को जेल चौक पर पहुंचने के लिए कहा है. जेएमएम की इस घोषणा के बाद आजसू के महासचिव राजेंद्र मेहता ने कहा कि जेएमएम शहीद के नाम पर राजनीति कर रही है. वह नहीं चाहती है कि निर्मल महतो की प्रतिमा लगे.

पढ़ें- स्टेट एडिटर अनुज सिन्हा का लेख :कम उम्र में ही निर्मल महतो वह कर गये जो पूरी जिंदगी में भी लोग नहीं कर पाते
हमने सारी प्रक्रिया पूरी कर वहां प्रतिमा लगाने की बीड़ा उठाया है. 16 सितंबर को भी वहां देर रात तक निर्माण कार्य किया गया था. आजसू के शहीद के प्रति समर्पण से सीख लेने के बजाय झामुमो घटिया राजनीति पर उतर आयी है.

Next Article

Exit mobile version