मांडू में मुर्गी पालन कर आत्मनिर्भर बन रहे युवा

Jharkhand news, Ramgarh news : रामगढ़ जिला अंतर्गत मांडू प्रखंड स्थित दिगवार गांव समेत कई अन्य गांवों में शिक्षित बेरोजगार युवकों ने मुर्गी पालन कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं. शिक्षित बेरोजगार युवाओं (Educated unemployed youth) का मानना है कि पढ़े-लिखे हरेक युवक को नौकरी मिल जाये यह संभव नहीं है. लेकिन, आत्मनिर्भर बनने के लिए आज कई मार्ग खुले हैं. अगर हम इन विकल्पों को प्रशिक्षण प्राप्त कर अपनायें, तो अपने भविष्य को संवार सकते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 7, 2020 8:37 PM

Jharkhand news, Ramgarh news : कुजू (धनेश्वर प्रसाद) : रामगढ़ जिला अंतर्गत मांडू प्रखंड स्थित दिगवार गांव समेत कई अन्य गांवों में शिक्षित बेरोजगार युवकों ने मुर्गी पालन कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं. शिक्षित बेरोजगार युवाओं (Educated unemployed youth) का मानना है कि पढ़े-लिखे हरेक युवक को नौकरी मिल जाये यह संभव नहीं है. लेकिन, आत्मनिर्भर बनने के लिए आज कई मार्ग खुले हैं. अगर हम इन विकल्पों को प्रशिक्षण प्राप्त कर अपनायें, तो अपने भविष्य को संवार सकते हैं.

दिगवार समेत कई अन्य गांव के ये युवा आज छोटे- छोटे फार्म हाउस बनाकर मुर्गी पालन कर अपनी आमदनी का जरिया बना रहे हैं. सरकार का भी यही उद्देश्य है कि इन क्षेत्रों में युवक आगे बढ़े और स्वावलंबी बने. इससे पलायन की समस्या पर काफी हद तक अंकुश लग सकता है. इसके बढ़ावा के लिए केंद्र भी राज्य सरकार से मिलकर इन योजनाओं पर विशेष जोर दे रही है तथा फंड भी आवंटित किये जा रहे हैं.

इस संबंध में दिगवार हेठबांध निवासी मुर्गी पालक शिवरतन कुमार (21 वर्ष) का कहना है कि उनके घर की माली स्थिति ठीक नहीं थी. इस कारण आगे की पढ़ाई पूरी नहीं हो पायी. 10वीं तक ही पढ़ाई कर सका. ऐसे स्थिति में वह मुर्गीपालन कर रोजगार का जरिया बनाया. अब इसी धंधे के सहारे बीते 1 वर्ष से अपना घर परिवार को चला रहे है.

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डिस्ट्रीब्यूटर के माध्यम से कर रहा है मुर्गी पालन

युवक शिवरतन की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण शुरुआती दौर में परेशानी उठानी पड़ी. आर्थिक तंगी के कारण उसने गांव के एक डिस्ट्रीब्यूटर का सहारा लिया. इसके माध्यम से बेहतर प्रजाति के चूजे को मंगवाकर फार्म हाउस में रख-रखाव करने लगा. 25 से 26 दिनों तक पूरे ध्यान से स्टैंडर्ड साइज के मुर्गी को तैयार कर उक्त डिस्ट्रीब्यूटर को ही बेचने लगा. वर्तमान में वह बिना पूंजी लगाये बेहतर आमदनी कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहा है, जो एक प्रेरणादायक है.

प्रखंड के कई गांवों में हो रहा है मुर्गीपालन

मांडू प्रखंड के दिगवार, बड़गांव, चैनपुर, नावाडीह, तिलैया, सांडी, बोंगाबार, करमा, रतवे, चुंबा, कुजू, सोनडीहा समेत अन्य स्थानों में बेरोजगार युवक मुर्गी पालन कर रोजगार से जुड़ रहे हैं. साथ ही अच्छी आमदनी भी कमा रहे हैं. हालांकि, कोरोना महामारी के कारण हुए लॉकडाउन में इनको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. ये चाहते हैं कि वे एक सफल मुर्गी पालक बने. लेकिन, आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं होने के कारण ये वृहद पैमाने पर नहीं कर पा रहे हैं. अगर सरकार उन्हें मदद करें, तो एक सफल मुर्गी पालक व्यवसायी बन सकते हैं.

पशुपालन विभाग से लाभ लेने के लिए पहले जेएसएलपीएस से जुड़ना होगा : डॉ सुदिप्ता बरियार

इस संबंध में प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी डॉ सुदिप्ता बरियार ने कहा कि शिक्षित बेरोजगार युवक मुर्गी पालन से जुड़ रहे हैं यह अच्छी बात है. विभाग के माध्यम से उन्हें समय-समय पर प्रशिक्षण दिलाया जा सकता है. यह लॉकडाउन में संभव नहीं हो पाया, पर युवकों को पशुपालन विभाग से लाभ लेने के लिए अपने घर की किसी महिला को जेएसएलपीएस से जुड़ना होगा, क्योंकि विभाग का सारा फंड जेएसएलपीएस को दिया जा रहा है.

Posted By : Samir ranjan.

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