झारखंड: पानी को तरस रही गोसी गांव की 5 हजार आबादी, बोकारो नदी का पानी पीने को मजबूर हैं लोग

गोसी गांव की आबादी पांच से छह हजार है. इस गांव के अधिकतर लोग पानी को लेकर परेशान हैं. ये भी बोकारो नदी के पानी पर जीवन-यापन करने पर मजबूर हैं. पीएचईडी के सहायक अभियंता ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही पानी की समस्या का समाधान कर दिया जाएगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 20, 2023 5:36 PM

केदला (रामगढ़) वकील चौहान. झारखंड के रामगढ़ जिले के मांडू प्रखंड अंतर्गत लईयो दक्षिणी पंचायत के गोसी गांव स्थित परसाटांड़ बस्ती विकास से कोसों दूर है. परसाटांड़ बस्ती में पच्चीस से तीस घर हैं. बताया जा रहा है कि करीब पचास वर्षों से ये लोग बोकारो नदी के पानी पर निर्भर हैं. साल से नौ माह बोकारो नदी का पानी पीते हैं. बरसात के समय पानी दूषित होने के कारण लोग गांव के कुआं का पानी पीते हैं. परसाटांड़ बस्ती से बोकारो नदी 500 मीटर दूर है. रोजाना महिलाएं, पुरुष व बच्चे पानी डब्बा व डेकची में पानी भरकर लाते हैं. बस्ती से दूर एक हजार फीट की बोरिंग कर चार चापाकल लगाया गया, लेकिन वह भी बेकार साबित हुआ. गोसी गांव की आबादी पांच से छह हजार है. इस गांव के अधिकतर लोग पानी को लेकर परेशान हैं. ये भी बोकारो नदी के पानी पर जीवन-यापन करने पर मजबूर हैं. पीएचईडी के सहायक अभियंता ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही पानी की समस्या का समाधान कर दिया जाएगा.

क्या कहते हैं परसाटांड़ बस्ती के लोग

ग्रामीणों ने कहा कि गांव में नल-जल योजना भी बेकार साबित हुआ. सात से आठ सौ घर गोसी गांव में है. जिसमें पच्चीस से तीस घरों में नल-जल योजना के तहत पाइप लाइन पहुंचा है. बाकी घरों के इसी तरह छोड़ दिया गया है. लोगों को उम्मीद थी कि योजना के आने से पानी की समस्या दूर होगी, लेकिन समस्या लोगों का पीछा नहीं छोड़ रही है. लोगों ने कहा कि बोकारो नदी के पानी में काफी मात्रा में आयरन है. पानी पीने से विभिन्न प्रकार की बीमारी होने की आशंका है. बच्चों पर शारीरिक व मानसिक असर पड़ सकता है.

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क्या कहते हैं चिकित्सक

चिकित्सक ने कहा कि पानी में आयरन की मात्रा अधिक होने से गैस की शिकायत, चर्म रोग सहित बच्चों के शारीरिक विकास पर असर पड़ सकता है. आयरनयुक्त पानी सेवन करने से नुकसान पहुंचाता है. उम्र ढलने पर काफी परेशनी बढ़ जाती है.

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ये है समाधान

अगर जानकारों की मानें तो बोकारो नदी से परसाटांड़ की दूरी पांच सौ मीटर है. नदी के पास डीप बोरिंग करने से पानी का लेयर आसानी से मिल जाता और बोकारो नदी से बस्ती तक पाइपलाइन कर परसाटांड़ बस्ती में सोलर प्लेट लगा कर लोगों के बीच आसानी से पानी पहुंचाया जा सकता है. ऐसा करने से लोगों की परेशानी दूर हो सकती है.

क्या कहते हैं पीएचईडी विभाग के अधिकारी

पीएचईडी विभाग मांडू के सहायक अभियंता शिव कुमार ने कहा कि गोसी गांव में पानी की समस्या सुनने में आया है. गांव में पानी की काफी दिक्कत है, लेकिन परसाटांड़ बस्ती का मामला नहीं पहुंचा है. वर्षों से लोग पानी की समस्या झेल रहे हैं, तो हर हाल में दूर किया जायेगा. टीम को गोसी भेज रहे हैं. परसाटांड़ में सोलर प्लेट सहित डीप बोरिंग का स्टीमेट बनाया जायेगा. जल्द ही परसाटांड़ में पानी की समस्या को दूर की जायेगी. इस मामले में पंचायत के मुखिया से भी संपर्क किया जाएगा.

परसाटांड़ में पानी को तरस रहे लोग

परसाटांड़ में प्रेमलाल महतो, जगदेव महतो, छोटेलाल महतो, किशुन महतो, नारायण महतो, बालेश्वर महतो, शंकर महतो, बालदेव महतो, नागेश्वर महतो, मोहन महतो, दीपक महतो, अजय महतो, सूरज महतो, वासदेव महतो, अजीत महतो, रमेश महतो, शिवनारायण मरांडी, दीप नारायण महतो, लगनू मरांडी, धनी लाल महतो सहित अन्य लोग पानी के लिए वर्षों से तरस रहे हैं.

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