सुशीला देवी हत्याकांड का हुआ उदभेदन
30 मई को सुबह समय करीब 09.00 बजे रामगढ़ थाना अंर्तगत वाउर नंबर पांच के पतरातू बस्ती, विद्यानगर में सेवानिवृत्त रेलवेकर्मी अशर्फी प्रसाद के घर में अपराधकर्मी घुस कर उनकी पत्नी सुशीला प्रसाद की हत्या कर नकदी व आभूषण लूट कर फरार हो गये थे.
रामगढ़. 30 मई को सुबह समय करीब 09.00 बजे रामगढ़ थाना अंर्तगत वाउर नंबर पांच के पतरातू बस्ती, विद्यानगर में सेवानिवृत्त रेलवेकर्मी अशर्फी प्रसाद के घर में अपराधकर्मी घुस कर उनकी पत्नी सुशीला प्रसाद की हत्या कर नकदी व आभूषण लूट कर फरार हो गये थे. साक्ष्य को छुपाने के उद्देश्य से घर में अगजनी भी की गयी थी तथा घर के सीसीटीवी के डीवीआर को भी अपराधी ले गये थे. इस मामले का 72 घंटे के अंदर पुलिस ने उदभेदन कर दिया है. सोमवार को एसपी डाॅ विमल कुमार ने पत्रकारों को सारी जानकारी दी. एसपी डॉ बिमल कुमार ने बताया कि घटना की संवेदनशीलता एवं गंभीरता को ध्यान में रखते हुए कांड का उदमेदन, अभियुक्तों की गिरफ्तारी व लूटे गये संपत्ति तथा घटना में प्रयुक्त सामानों की बरामदगी के लिए एसडीपीओ परमेश्वर प्रसाद के नेतृत्व में एसआईटी टीम का गठन किया गया. साक्ष्यों के आधार पर करीब 72 घंटे में इस कांड का उदभेदन करते हुए कांड में शामिल मुख्य साजिशकर्ता कुमारी स्नेहा व उसके पति आरिफ नैयर उर्फ आर्या के अलावा कांड में शामिल एक अन्य अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया. स्नेहा मृतका सुशीला देवी के बहू की बहन है तथा उसने दूसरी शादी आरिफ नैयर से की है. गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ के क्रम में अपना-अपना अपराध स्वीकार किया व उनलोगों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त चाकू, लूटे गये जेवरात, घटनास्थल तक आने व जाने में इस्तेमाल किया गया वाहन, मोबाइल फोन, घटना के समय पहना गया जूता, सीसीटीवी का डीवीआर व अन्य सामानों को बरामद किया गया. उक्त घटना के पीछे का मूल कारण इनकी आर्थिक तंगी और बहुत आसानी से मृतिका के घर से भारी मात्रा में जेवरात/पैसा प्राप्त होने की संभावना की वजह से साथ योजनाबद्ध तरीके से घटना को अंजाम दिया गया एवं साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से आगजनी की घटना की गयी. 29 मई को भी अपराधियों द्वारा किया गया था प्रयास
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