यू-टयूब देखकर पहली बार एक एकड़ में की है सूरजमुखी की खेती
डाड़ी प्रखंड के कनकी गांव के किसान दुलारचंद महतो ने यू-टयूब देखकर पहली बार सूरजमुखी की खेती की है.
..कनकी गांव के किसान यू-टयूब देखकर पहली बार एक एकड़ में की है सूरजमुखी की खेती
एक एकड़ में लगभग आठ-10 क्विंटल सूरजमुखी के बीज का उत्पादन हो सकता है
फोटो 17गिद्दी3-सूरजमुखी की खेती को दिखाते किसान
गिद्दी(हजारीबाग). डाड़ी प्रखंड के कनकी गांव के किसान दुलारचंद महतो ने यू-टयूब देखकर पहली बार सूरजमुखी की खेती की है. खेत में सूरजमुखी के पौधे व फूल लहलहा रहे है. इससे वह बेहद उत्साहित है. कनकी गांव हजारीबाग जिले के अंतर्गत आता है. किसान दुलारचंद महतो लंबे समय से गांव में खेती कर रहे हैं. वह अमीन भी है और बड़कागांव अंचल में पदस्थापित है. दुलारचंद महतो ने यू-टयूब देखकर गांव में एक एकड़ खेत में सूरजमुखी की खेती की है. फरवरी माह के पहले सप्ताह में उन्होंने बड़कागांव से इसका बीज लाकर खेत में लगाया है. इसके पौधे अब बड़े-बड़े हो गये है और पीले फूल आ गये है. कई पौधो में दो-तीन फूल निकले है. दरअसल फूल में ही बीज होता है. फूल पूरी तरह से तैयार हो जाता है, तब इसकी कटाई होती है. अनुमान के मुताबिक एक एकड़ में लगभग आठ-10 क्विंटल सूरजमुखी के बीज का उत्पादन हो सकता है. सूरजमुखी की खेती कर किसान अधिक मुनाफा कमा सकता है. सूरजमुखी की खेती के लिए मुख्यत: रबी और खरीफ मौसम सही माना जाता है. सूरजमुखी को गर्म जलवायु पसंद है. भारत में सूरजमुखी के उत्पादन में कनार्टक प्रमुख राज्य है. सूरजमुखी के बीज का उत्पादन मुख्य रूप से खाद्य तेल के लिए किया जाता है. इसके हल्के व स्वास्थ्यवर्धक गुणों के कारण इसकी मांग लगातार बनी रहती है.सूरजमुखी के औषधीय गुण
सूरजमुखी के तेल में औषधीय गुण होते है. त्वचा की समस्याओं के उपचार में यह तेल सहायक होता है. साथ ही इसका तेल त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है. इसके अलावा शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद है. कृषि वैज्ञानिक पवन कुमार ने कहा कि सूरजमुखी की खेती देश के कई राज्यों में होती है. झारखंड में भी किसान सूरजमुखी की खेती अब करने लगे है. इसकी खेती करने से किसानों को फायदा है. सूरजमुखी की खेती के लिए यहां का मौसम अनुकूल है. किसान दुलारचंद महतो ने कहा कि इसकी खेती से हमें फायदा होगा, तो आगे भी खेती करेंगे. हमने पहली बार यू-टयूब देखकर खेती की है.
40 से 50 हजार रुपये का फायदा हो सकता है
किसान दुलारचंद महतो ने कहा कि इसका बीज हमने 800 रुपये में खरीदा है. इसकी खेती में मेहनत लगी है, लेकिन खर्च ज्यादा नहीं हुआ है. उत्पादित बीज से तेल निकालेंगे और इसकी बिक्री करेंगे. उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि इसकी खेती से हमें 40-50 हजार रुपये का फायदा हो सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
