10 लोगों को नौकरी के बाद शुरू हुआ आउटसोर्सिंग कंपनी का काम
सीसीएल बरका-सयाल क्षेत्र के न्यू बिरसा परियोजना में सैनिक आउटसोर्सिंग का काम सोमवार को शुरू हो गया
3बीएचयू0002-वार्ता के वक्त प्रमुख लोग. हजारीबाग की प्रशासनिक टीम आज करेगी भूमि का सत्यापन. सौ एकड़ जमीन को रैयती मान्यता देने की मांग कर रहे ग्रामीण. उरीमारी. सीसीएल बरका-सयाल क्षेत्र के न्यू बिरसा परियोजना में सैनिक आउटसोर्सिंग का काम सोमवार को शुरू हो गया. काम शुरू कराने के लिए प्रबंधन व प्रशासन ने पहल करते हुए ग्रामीणों के साथ वार्ता की. उल्लेखनीय है कि विभिन्न मांगों को लेकर रस्का टोला में ग्रामीणों ने आउटसोर्सिंग कंपनी का काम रविवार को बंद करा दिया था. वार्ता में 10 लोगों को नौकरी देने पर सहमति बनी. इसके अलावा ग्रामीणों की सौ एकड़ गैरमजरुआ खास जमीन को रैयती मान्यता देने के मुद्दे पर तय हुआ कि हजारीबाग से मंगलवार को एक विशेष टीम आकर जांच करेगी. ग्रामीणों ने बताया कि उनकी सौ एकड़ जमीन गैरमजरुआ खास, खाता नंबर 78 की है. यहां करीब 70 घर की आबादी है. इस जमीन को रैयती की मान्यता देते हुए 50 लोगों को नौकरी मिलना चाहिए. इस जमीन पर उनका जोत-आबाद है. इधर, ग्रामीणों ने साफ किया है कि जब तक नौकरी-मुआवजा नहीं मिलेगा, घर की मापी नहीं होने देंगे. घर खाली नहीं किया जायेगा. पीओ सुबोध कुमार ने बताया कि खदान का कामकाज शुरू कर दिया गया है. यहां के 10 ग्रामीणों को नौकरी दे दी गयी है. आगे भी यदि कोई मामला फंसता है, तो सभी लोग मिल-बैठकर उसका निदान करेंगे. वार्ता में थाना प्रभारी रत्थू उरांव, सुरक्षा प्रभारी लक्ष्मण यादव, पोटंगा मुखिया चरका करमाली, जूरा सोरेन, मोहन सोरेन, जतरू मांझी, मनीषराम मांझी, गुप्ता सोरेन, विजय सोरेन, जयपाल सोरेन, मनोज सोरेन, मुंशी लाल मांझी, गोपाल सोरेन, लुदवा मांझी, विजय टुडू, संगीता देवी, गीता देवी, रैना देवी, बिरसी देवी, सोमरी देवी, आशा देवी, सुनीता देवी शामिल थे.
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