झारखंड के कवि कैलाश कुमार को भारत काव्य रत्न सम्मान, काव्य संग्रह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में 38 रचनाकारों की हैं रचनाएं

Operation Sindoor Poetry collection: झारखंड के रामगढ़ जिले के दुलमी प्रखंड के पोटमदगा के रहनेवाले कवि कैलाश कुमार को भारत काव्य रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया है. अपनी साहित्यिक उपलब्धियों से इन्होंने क्षेत्र का मान बढ़ाया है. साझा काव्य संग्रह 'ऑपरेशन सिंदूर' में राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत प्रकाशित रचना के लिए इन्हें सम्मानित किया गया है. यह काव्य संग्रह भारतीय सैनिकों के शौर्य और बलिदान का जीवंत दस्तावेज है.

By Guru Swarup Mishra | September 17, 2025 6:29 PM

Operation Sindoor Poetry collection: गोला (रामगढ़), राज कुमार-रामगढ़ जिले के दुलमी प्रखंड के पोटमदगा के रहनेवाले और सैनिक पृष्ठभूमि से जुड़े कवि कैलाश कुमार ने अपनी साहित्यिक उपलब्धि से क्षेत्र का मान बढ़ाया है. महाराष्ट्र की इंकलाब पब्लिकेशन ने उन्हें ‘भारत काव्य रत्न सम्मान’ से नवाजा है. यह सम्मान उन्हें भारतीय सेना के अदम्य साहस पर आधारित साझा काव्य संग्रह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत रचनाएं प्रकाशित होने के उपलक्ष्य में दिया गया है. यह काव्य संग्रह भारतीय सैनिकों के शौर्य और बलिदान का जीवंत दस्तावेज है. इसमें संवेदनाओं, भावनाओं और संकल्पों को शब्दों में ढाला गया है. इसमें शहीदों के बलिदानों का मार्मिक स्मरण भी दर्ज है.

देश के 38 रचनाकारों की रचनाएं संकलित


इस काव्य संग्रह की विशेषता यह है कि इसमें देशभर के 38 रचनाकारों की रचनाएं संकलित हैं. इनमें संपादक हरेंद्र हमदम दिलदारनगरी, सहायक संपादक डॉ अनिल कुमार दुबे, जयप्रकाश वर्मा (कलामजी), मीनू अग्रवाल, विजयलक्ष्मी कोहली, अंशु सागर यादव जख्मी, गणपत लाल उदय, डॉ हेमंत कुमार श्रीवास्तव अश्रुज, सुनीता कुमारी, देवेंद्र धवलहार, डॉ संजय कुमार सैनी, विवेक रंजन विवेक, अजय यादव, महादेव मुंडा, डॉ रमेश कुमार निर्मेश, डॉ सूर्य प्रताप राव रेपल्ली सहित कई प्रतिष्ठित नाम शामिल हैं.

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सभी रचनाकारों को किया गया सम्मानित


सम्मान समारोह में सभी रचनाकारों को भारत काव्य रत्न सम्मान पत्र, दो पुस्तकें, ट्रॉफी और मेडल भेंट किए गए. कैलाश कुमार की इस उपलब्धि पर उनके परिजन और ग्रामीण गौरवान्वित हैं. स्थानीय साहित्यप्रेमियों का मानना है कि कैलाश कुमार की रचनाएं राष्ट्रप्रेम, त्याग और एकता की भावना को नई ऊर्जा देती हैं. कैलाश कुमार ने बताया कि यह सम्मान उन्हें 15 अगस्त को महाराष्ट्र में आयोजित कार्यक्रम में मिलना था, लेकिन वह कार्यक्रम में नहीं पहुंच सके थे. पोस्ट के जरिए उन्हें यह सम्मान मिला है.

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