..करुणा व त्याग के भाव से रू-ब-रू कराती है महादेवी की कविताएं

श्री अग्रसेन स्कूल भुरकुंडा में बुधवार को हिंदी साहित्य की आधुनिक मीराबाई महादेवी वर्मा की जयंती मनायी गयी.

By VIKASH NATH | March 26, 2025 6:12 PM

26बीएचयू0001-बच्चों को संबोधित करते आचार्य. श्री अग्रसेन स्कूल में मनी महादेवी वर्मा की जयंती, विभिन्न प्रतियोगिता में शामिल हुए बच्चे. भुरकुंडा. श्री अग्रसेन स्कूल भुरकुंडा में बुधवार को हिंदी साहित्य की आधुनिक मीराबाई महादेवी वर्मा की जयंती मनायी गयी. इस अवसर पर बच्चों के साथ विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ. आचार्य लीलेश्वर पांडेय ने महादेवी वर्मा की जीवनी पर चर्चा की. श्री पांडेय ने कहा कि साहित्य छायावाद के चार प्रमुख स्तंभों में से एक महादेवी वर्मा मानी जाती हैं. इनके साहित्य सर्वाधिक परिपूर्णता व प्रवाहत्मकता का सार लिये हुए है. उनका गद्द विचारों का अनुपम उद्यान है. वह स्त्री की गरिमा व स्वतंत्रता की उदघोषिक थीं. महादेवी ने कहा था कि भारतीय शास्त्रों में महिलाएं पुरुष की संगिनी रही हैं, उनकी छाया मात्र नहीं. प्राचार्य विवेक प्रधान ने कहा कि महादेवी वर्मा की लेखनी युवा पीढ़ी को संघर्ष की शिक्षा देती है. उनके कहे एक-एक शब्द हमें करुणा व त्याग जैसी भावों से रूबरू कराते हैं. महादेवी वर्मा ने गद्य, काव्य, शिक्षा सभी क्षेत्रों में नये आयाम स्थापित किये. कवि निराला ने एक बार उन्हें हिंदी साहित्य के विशाल मंदिर की सरस्वती भी कहा था, क्योंकि महादेवी बहुत प्रतिभाशाली थीं. उन्होंने सिर्फ कविताएं ही नहीं लिखीं, बल्कि महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी लिखा व महिलाओं की मदद के लिए काम किया.महादेवी के काव्य संग्रहों में रश्मि, नीरजा, संध्या गीत, यामा, निहार, दीपशिखा, सप्तपर्णा सर्वाधिक पढ़े जाते हैं. महादेवी को पद्म भूषण, पद्म विभूषण, ज्ञानपीठ जैसे पुरस्कार मिले. जयंती के अवसर पर विद्यार्थियों के बीच महादेवी का जीवन परिचय, कविताएं, कहांनियों आदि से जुड़ी लिखित व मौखिक प्रतियोगिता करायी गयी. जिसमें बच्चों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया. बेहतर प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया गया.

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