पुनर्जीवन योजना पर खर्च होंगे तीन करोड़ रुपये

पलामू जिले के बटाने डैम से जुड़ी 13.8 किलोमीटर लंबी नदी को पुनर्जीवित करने की बड़ी योजना पर काम शुरू होने जा रहा है.

By DEEPAK | June 14, 2025 10:24 PM

प्रतिनिधि, मेदिनीनगर

पलामू जिले के बटाने डैम से जुड़ी 13.8 किलोमीटर लंबी नदी को पुनर्जीवित करने की बड़ी योजना पर काम शुरू होने जा रहा है। शनिवार को डीडीसी शब्बीर अहमद, डीएफओ सत्यम कुमार, एसडीओ सुलोचना मीणा, एसीएफ अशोक कुमार, नौडीहा बीडीओ और हरिहरगंज सीओ सहित कई विभागीय अधिकारियों की टीम ने इसका भौतिक निरीक्षण किया और ड्रोन से एरियल सर्वे कर जरूरी बिंदुओं का अध्ययन किया.

छह विभाग मिलकर काम करेंगे

इस नदी को पुनर्जीवित करने के लिए लगभग तीन करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. इस परियोजना में माइनर इरिगेशन, मेजर इरिगेशन, भूमि संरक्षण, जलागम (वाटरशेड), नरेगा और वन विभाग मिलकर काम करेंगे. नीति आयोग द्वारा निर्धारित 40 संकेतकों (इंडिकेटर्स) में से पांच प्रमुख संकेतकों को बेहतर करने में इस परियोजना की भूमिका अहम मानी जा रही है.

नदी का चौड़ीकरण और चेक डैम निर्माण

निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने पाया कि नदी के कई हिस्से सिकुड़ गये हैं, जिससे पानी का प्रवाह प्रभावित हुआ है. ऐसे स्थानों पर चेक डैम बनाये जायेंगे, जिनके लिए पत्थरों को लोहे की जाल में बांधकर बहाव रोका जायेगा. जहां नदी संकरी हो चुकी है, उसे चौड़ा किया जायेगा. इसके साथ ही कैचमेंट एरिया को बढ़ाकर बारिश के जल को संग्रहित करने की योजना है.

सिंचाई, जल संरक्षण और जीविका के अवसर

डीएफओ सत्यम कुमार ने बताया कि नदी के किनारों पर कंटूर ट्रेंचिंग कर फलदार पौधे लगाये जायेंगे, जिससे पर्यावरणीय सुधार के साथ-साथ स्थानीय लोगों को आय के अवसर भी मिलेंगे. इसके अलावा, जंगल बढ़ने से भूजल स्तर में सुधार होगा और इकोसिस्टम सशक्त बनेगा. पुनर्जीवित नदी से छतरपुर, नौडीहा बाजार और हरिहरगंज के किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी.

कार्य की समय-सीमा और लक्ष्य

सभी विभागों को निर्देशित किया गया है कि 18 जून तक परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली जाए, जिसे उपायुक्त समीरा एस की अध्यक्षता में बैठक में प्रस्तुत किया जायेगा. दिसंबर 2025 से परियोजना पर काम शुरू कर दिया जायेगा.

निरीक्षण के प्रमुख स्थल

बटाने डैम मुख्य स्थल

महुवरी में बटाने बराज

हरिहरगंज के खड़गपुर और तुरी गांव के पास नदी क्षेत्र

(यहां सीरीज चेकडैम बनाने की आवश्यकता चिह्नित की गयी)

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