सरकारी स्कूलों की बदहाली : जर्जर भवन, गंदगी और शिक्षा व्यवस्था चौपट
सरकारी स्कूलों की बदहाली : जर्जर भवन, गंदगी और शिक्षा व्यवस्था चौपट
प्रतिनिधि, पांकी सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार जहां अनेक योजनाएं चला रही है, वहीं जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है. प्रखंड के कई स्कूलों की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है. बच्चों को गंदगी, जर्जर भवन, बंद शौचालय और शिक्षकों की लापरवाही के बीच जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करनी पड़ रही है. उदाहरण के तौर पर उत्क्रमित मध्य विद्यालय, गोंगो हरिजन टोला की स्थिति चिंताजनक पायी गयी. शनिवार सुबह करीब 11 बजे तक विद्यालय में पदस्थापित दो शिक्षकों में से कोई उपस्थित नहीं था. लगभग 11 बजे प्रधानाध्यापक उपेंद्र प्रसाद सिंह विद्यालय पहुंचे, जबकि दूसरे शिक्षक अनुपस्थित रहे. विद्यालय के बच्चों से मिली जानकारी के अनुसार, मध्याह्न भोजन मेनू के अनुसार नहीं दिया जा रहा है. खाना लकड़ी के चूल्हे पर बनाया जा रहा था, जबकि सरकार ने सभी स्कूलों में गैस चूल्हा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है. विद्यालय परिसर चारों ओर गंदगी से भरा था, भवन जर्जर स्थिति में है, और दरवाजे टूटे हुए थे. एक ही कमरे में कई कक्षाओं के छात्र एक साथ बैठाकर पढ़ाए जा रहे थे. उपस्थिति पंजी में जहां 55 बच्चों की उपस्थिति दर्ज थी, वहीं वास्तव में मात्र 24 बच्चे विद्यालय में मौजूद पाये गये. स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि शिक्षक स्थानीय होने के कारण किसी की बात नहीं मानते और मनमानी ढंग से विद्यालय संचालन करते हैं. सिरम और पचम्बा विद्यालयों की भी यही हालत राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिरम की स्थिति भी कुछ अलग नहीं थी. एक ही कक्षा में सभी बच्चों को बैठाया गया था. शौचालय पूरी तरह जर्जर पाया गया और मिड डे मील भी निर्धारित मेन्यू के अनुरूप नहीं था. इसी तरह, राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय पचम्बा में शनिवार को बच्चों को खिचड़ी परोसी गयी, जिसमें दाल नाम मात्र की थी. बच्चे सुबह 11 बजे से ही थाली लेकर बरामदे में घूमते नजर आए, जबकि पठन-पाठन पूरी तरह ठप था. नामांकित बच्चों की अपेक्षा यहां भी उपस्थिति बेहद कम देखी गयी. प्रशासन ने लिया संज्ञान इस संबंध में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी परमेश्वर साहू से पूछे जाने पर उन्होंने कहा, आपके माध्यम से मामला संज्ञान में आया है. संबंधित विद्यालयों की जांच कर कार्रवाई की जायेगी.
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