Jharkhand News : झारखंड में सुखाड़ के हालात, किसानों की चिंता बढ़ी, राहत के लिए की विशेष पैकेज की मांग

Jharkhand News : झारखंड के पलामू में बारिश नहीं होने के कारण कृषि कार्य काफी प्रभावित हुआ है. कम बारिश के कारण खरीफ की दूसरी फसलों पर भी असर दिख रहा है. लक्ष्य से काफी कम दलहन, तिलहन, मक्का और मोटे अनाज की बुआई होने से पलामू में अकाल की आशंका से किसान चिंतित हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2022 6:47 AM

Jharkhand News : झारखंड के पलामू में बारिश नहीं होने के कारण कृषि कार्य काफी प्रभावित हुआ है. खरीफ फसल की खेती का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया था, उसे हासिल नहीं किया जा सका है. लक्ष्य एक लाख 35 हजार 917 हेक्टेयर में आच्छादन का था. इसके विरुद्ध 32328 हेक्टेयर भूमि पर खेती हुई है. कम बारिश के कारण खरीफ की दूसरी फसलों पर भी असर दिख रहा है. लक्ष्य से काफी कम दलहन, तिलहन, मक्का और मोटे अनाज की बुआई होने से पलामू में अकाल की आशंका से किसान चिंतित हैं. इन्होंने सरकार से विशेष पैकेज देकर राहत देने की मांग की है.

लक्ष्य के अनुरूप नहीं हुई बुआई

धान की फसल 2022-23 में 51 हजार हेक्टेयर में लगाने का लक्ष्य है, लेकिन 27 जुलाई तक 134 हेक्टेयर में ही लगाया जा सका है. मक्का 27 हजार 520 हेक्टेयर की जगह 14 हजार 587 हेक्टेयर में लगाया जा सका है. पलामू में दलहन की खेती धान से अधिक रकबा में की जाती है. इस साल 51 हजार 800 हेक्टेयर में अरहर समेत अन्य दलहन फसल जैसे उरद, मूंग, कुलथी आदि लगाने का लक्ष्य था, लेकिन अब तक 17,014 हेक्टेयर में ही बुआई की जा सकी है. तेलहन में मूंगफली, सोयाबीन, सूर्यमुखी, सरगुजा, अरंडी आदि 2387 हेक्टेयर में लगाने का लक्ष्य था, लेकिन अब तक 558 हेक्टेयर में अच्छादन किया गया. मोटा अनाज में सिंचाई की असुविधा वाले खेतों में लगाये जाने वाले ज्वार, बाजरा, मड़ुआ आदि मोटे अनाज 3210 हेक्टेयर में लगाने का लक्ष्य था, लेकिन अभी तक मात्र 4.6 हेक्टेयर में मोटे अनाज का अच्छादन किया गया.

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मुख्य खरीफ फसलों की स्थिति (2022 में)

फसल कितना लक्ष्य(हेक्टेयर में) कितना आच्छादन (हेक्टेयर में)

धान 51000 134

मक्का 27,520 14,587

दलहन 51,800 17,014

तेलहन 2387 558

मोटे अनाज 3210 4.6

किसानों की चिंता बढ़ी

पलामू में पर्याप्त बारिश चालू मानसून काल में 27 जुलाई तक नहीं हुई. एक जून से 22 जुलाई तक 316 मिलीमीटर के विरुद्ध महज 90 मिलीमीटर बारिश हुई है. यह सामान्य से 71 प्रतिशत कम है. इसके कारण किसान धान, मक्का, दलहन, तेहलन व मोटे अनाज की बोआई नहीं कर सके. कम बारिश से खरीफ की दूसरी फसलों पर भी इसका असर दिख रहा है. लक्ष्य से काफी कम दलहन, तिलहन, मक्के और मोटे अनाज की बुआई होने से पलामू में अकाल की आशंका से किसान चिंतित है.

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क्या कहते हैं कृषि पदाधिकारी

पलामू जिला कृषि पदाधिकारी अरविंद कुमार ने कहा कि लक्ष्य के विरुद्ध काफी कम अच्छादन हुआ है. बारिश की स्थिति भी बेहद खराब है. जून माह में 23.68 प्रतिशत एवं जुलाई माह में 23.49 बारिश हुई है जो फसल बुआई के लिए सही नहीं है.

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स्थिति भयावह, किसान परेशान

मेदिनीनगर सदर प्रखंड के जमुने के किसान अमर मिश्रा का कहना है कि इस वर्ष पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण खेती-किसानी चौपट हो गयी है. किसान के खेत सूखे हैं. सावन माह बीतने के कागार पर है, लेकिन खेतों में हरियाली की जगह सूखा पड़ा हुआ है. किसान के समक्ष अनाज के साथ-साथ पशुचारा का संकट उत्पन्न हो गया है. ऐसी स्थिति में सरकार को चाहिए कि विशेष पैकेज देकर राहत कार्य चलाये, ताकि किसान, मजदूरों एवं पशुपालकों को राहत मिल सके.

रिपोर्ट : चंद्रशेखर सिंह, मेदिनीनगर, पलामू

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