कटाई से ठीक पहले फसल नष्ट, अब भुखमरी की नौबत

मलय डैम की नहर टूटी, किसानों की खड़ी धान फसल बर्बाद, बोले

By Akarsh Aniket | November 10, 2025 9:27 PM

मलय डैम की नहर टूटी, किसानों की खड़ी धान फसल बर्बाद, बोले प्रतिनिधि, सतबरवा मुरमा कठोतिया स्थित मलय डैम की नहर सीडी संख्या-21 सोमवार की सुबह अचानक टूट गयी, जिससे दुलसुलमा गांव के दर्जनों किसानों की कई एकड़ में लगी धान की फसल बर्बाद हो गयी. घटना के बाद किसानों के चेहरों पर मायूसी छा गयी है. वहीं नहर से बहा पानी मलय नदी में पहुंचने से छोटी बाढ़ जैसी स्थिति बन गयी है. नदी पार बदलाया टोला स्थित पुलिया पर पानी का बहाव बढ़ जाने से लोगों को आवाजाही में भारी परेशानी हो रही है. सूचना मिलते ही सिंचाई विभाग की टीम मौके पर पहुंची और क्षति का आकलन किया. पहले से जर्जर था नहर का हिस्सा किसानों ने बताया कि नहर का सीडी संख्या-21 पहले से क्षतिग्रस्त था. विभाग ने मिट्टी भरकर अस्थायी रूप से पानी के बहाव को रोका था. सोमवार की सुबह पानी के अधिक दबाव के कारण नहर टूट गया, जिससे बहाव क्षेत्र में खड़ी फसल पूरी तरह नष्ट हो गयी. किसानों ने कहा कि दो-चार दिनों में धान की कटाई शुरू होने वाली थी, लेकिन अब मुंह देखने लायक भी कुछ नहीं बचा. मुआवजे की मांग, प्रशासन हरकत में दुलसुलमा पंचायत के मुखिया ब्रह्मदेव सिंह, पंसस जगदीश सिंह समेत कई ग्रामीणों ने प्रभावित किसानों की क्षति का आकलन कर मुआवजा देने की मांग की है. सतबरवा थाना प्रभारी विश्वनाथ कुमार राणा दलबल के साथ घटनास्थल पहुंचे और विभाग को सूचना दी. पुराना निर्माण बना टूट का कारण: अभियंता सिंचाई विभाग के मलय डैम के कनीय अभियंता हृदय कुमार ने बताया कि सीडी संख्या-21 पुराना निर्माण होने के कारण टूट गया है. उन्होंने कहा कि सीडी पूरी तरह बह गया है, उसका कोई अता-पता नहीं चल रहा. विभाग जल्द मरम्मत कार्य शुरू करेगा. 38 फीट तक भरा पानी, फाटक बंद नहीं हो पा रहा जानकारी के अनुसार इस वर्ष अपेक्षा से अधिक बारिश होने के कारण मलय डैम में जलस्तर 38 फीट तक पहुंच गया है, जबकि इसकी अधिकतम क्षमता 42 फीट है. डैम से लगातार पानी का दबाव बना रहने से मुख्य फाटक बंद नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण जून माह से अब तक नहर के माध्यम से पानी का बहाव जारी है. 200 करोड़ की लागत से बना डैम, 105 गांवों को सिंचाई का लक्ष्य मलय डैम की नहर लगभग 43 किलोमीटर लंबी है, जिसका निर्माण करीब 200 करोड़ रुपये की लागत से कराया गया था. इस नहर के माध्यम से सतबरवा, मेदिनीनगर सदर और लेस्लीगंज प्रखंड के 105 गांवों तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि खेतों में हरियाली और किसानों के जीवन में खुशहाली लाई जा सके.

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