छतरपुर नगर पंचायत बने सात वर्षों से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन आज तक नगरवासियों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पायी हैं. सबसे बड़ी समस्या यहां बस स्टैंड के अभाव की है. अभी तक बस स्टैंड का निर्माण नहीं हो सका है, जिससे स्थानीय लोगों और यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है. बस स्टैंड नहीं होने के कारण अंतरराज्यीय बसें एनएच 98 के दोनों किनारों पर खड़ी रहती हैं, जिससे सड़क पर रोजाना घंटों जाम की स्थिति बनी रहती है. छतरपुर होकर बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, बंगाल और दिल्ली की बसें गुजरती हैं, जिनमें रोज सैकड़ों यात्री सफर करते हैं. यात्रियों के लिए न तो शेड है और न ही बैठने या अन्य कोई सुविधा। गर्मी और बारिश में यात्रियों को सड़क किनारे खड़े रहकर बसों का इंतजार करना पड़ता है. वहीं, बस चालकों को भी सवारी चढ़ाने-उतारने में मुश्किल होती है, जिससे कई बार दुर्घटना का खतरा भी बना रहता है. नगर पंचायत ने अब तक दो बार बस स्टैंड निर्माण के लिए भूमि चयन किया, लेकिन दोनों बार जमीन विवाद के चलते निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका. नतीजा यह है कि सात साल बाद भी छतरपुर को एक सुव्यवस्थित बस स्टैंड नहीं मिल सका है.
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